महाकाल के दर से शिव और नाथ की चुनावी सियासत
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 12 जुलाई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की 14 जुलाई से प्रस्तावित जन आशीर्वाद यात्रा का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने 18 जुलाई से पोल खोल यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम तय किया है। मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा की तरह कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की पोल खोल यात्रा भी उज्जैन से ही शुरू होगी। इस तरह मध्यप्रदेश में चुनावी सियासत की शुरुआत महाकाल के दर से होने जा रही है।
गुजरात और कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव भी धार्मिक जामा पहनते जा रहे हैं। भाजपा तो हिंदुत्व की तरफ झुकाव वाली मानी जाती है। इसलिए उसके चुनाव अभियान में मंदिर और धर्म स्थलों का उपयोग तो सबकी समझ में आता है लेकिन कुछ समय से कांग्रेस भी इस नक्शेकदम पर चल रही है। गुजरात और कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में यह सब खूब देखने को मिला। कभी मंदिरों में न जाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों राज्यों के सभी प्रमुख धर्मस्थलों पर माथा टेकने पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय अमित शाह तो पहले से ही मंदिरों और मठों के सामने दंडवत हो रहे थे। यही स्थिति अब मध्यप्रदेश में बनने जा रही है। मध्यप्रदेश में बीजेपी के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 14 जुलाई को उज्जैन में महाकाल के सामने दंडवत कर अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री अपनी 55 दिन की जनआशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी। इसीलिए इसे भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत माना जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इस चुनाव अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होंगे और महाकाल का आर्शीवाद लेंगे।
कांग्रेस भी भाजपा की इस रणनीति का जवाब देने के लिए महाकाल की शरण में ही जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 18 जुलाई से पोल खोल यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्र उन सभी क्षेत्रों में जाएगी जहां मुख्यमंत्री की जनआर्शीवाद यात्रा जा रही है। कमलनाथ अपने कार्यक्रम की शुरुआत उज्जैन जिले की तराना विधानसभा सीट से करेंगे लेकिन उसके पहले वे सदलबल महाकाल के दरबार में पहुंचकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का आर्शीवाद मांगेगे। इस तरह मध्यप्रदेश की सियासत इस बार महाकाल के दर से चुनावी रंग में रंगेगी।