मप्र सरकार 48 हजार दैनिक वेतन भोगियों को स्थायी करेगी
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार का एक बड़ा फैसला अब बहुत जल्द अमल में आने वाला है। सरकार ने दैनिक वेतन भोगियों को स्थायी करने के अपने फैसले को अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है। भले ही इसे अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जाए लेकिन तमाम आंदोलन करके वर्षों से नियमितीकरण की राह देख रहे हजारों दैनिक वेतनभोगियों को खुशी देने वाला है।
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 48 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी किए जाने की तैयारी है। वित्त मंत्रालय और सामान्य प्रशासन मंत्रालय के अनुसार इन कर्मचारियों को नियमित करके 125 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता तो दिया जाएगा, लेकिन एरियर नहीं मिलेगा। इन्हें तीन श्रेणियों अकुशल, अर्धकुशल और कुशल में बांटकर ग्रेच्युटी भी फिक्स कर दी गई है। जीएडी ने इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया है। अगली कैबिनेट में इस पर मुहर लग सकती है। नियमितीकरण के बाद प्रति कर्मचारी 5000 रुपए हर महीने अलग से खर्च होंगे। इन्हें एक सितंबर 2016 से नया वेतन दिया जाएगा।
इस तरह सरकार पर हर साल 288 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। रिटायरमेंट की उम्र पूरी होने पर 15 दिन हर साल सेवाकाल के वेतन के आधार पर ग्रेच्युटी की पात्रता होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 अगस्त को दैवेभो को रेगुलर करने की घोषणा की थी। मसौदे में जिक्र है कि ऐसे दैवेभो जो 10 अप्रैल 2004 की स्थिति में 10 साल की सेवा पूरी नहीं कर पाए या अन्य तय मापदंड पूरे नहीं करने की वजह से रेगुलर होने से वंचित रह गए, उनके लिए जीएडी द्वारा 2013 में बनाए गए दैवेभो सेवा नियम के दायरे में आएंगे। नियमित कर्मचारियों की तरह पीएफ दिया जाएगा। वित्त मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि वित्त विभाग और जीएडी ने तैयारी पूरी कर ली है। राज्य सरकार का यह फैसला अमल में आने के साथ ही एक बड़ा चुनावी मुद्दा निपट जाएगा।