मप्र विधानसभा की विवादित भर्ती प्रक्रिया अध्यक्ष के आदेश पर रद्द

Sep 05, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 5 सितंबर। तमाम विवादों के चलते मध्यप्रदेश विधानसभा में कर्मचारी वर्ग के विभिन्न पदों की भर्ती प्रक्रिया को विधानसभा सचिवालय ने निरस्त कर दिया है। अध्यक्ष के आदेश पर यह फैसला हुआ है। भर्ती प्रक्रिया में जिन मुद्दों को लेकर विवाद की स्थिति बन रही थी, उन्हें दूर करते हुए नए सिरे से भर्तियां की जाएंगी। विशेषकर महिला और कमजोर वर्ग आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाएगा।

मध्यप्रदेश विधानसभा में विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया तत्तकालीन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के कार्यकाल में शुरू हुई थी। स्टेनो टाइपिस्ट, शीघ्र-लेखक, सहायक ग्रेड-तीन, समिति सहायक और विधायक विश्रामगृह के सुपरवाइजर सहित 21 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने पर आरोप लगा कि इसमें इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और महिला आरक्षण के प्रावधानों का ध्यान नहीं रखा गया है। विवाद के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नही हो पाई। उसके बाद विधानसभा चुनाव के चलते प्रक्रिया पर रोक लग गई। नई विधानसभा का गठन होने पर गिरीश गौतम के स्थान पर नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा के अध्यक्ष बन गए। उनके कार्यकाल में पुरानी भर्ती प्रक्रिया को थोड़े बदलाव के साथ आगे बढ़ाने की कोशिश हुई लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते एक बार फिर प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने भर्ती प्रक्रिया का परीक्षण किया और पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए।  अध्यक्ष ने यह फैसला पुरानी प्रक्रिया में कमजोर वर्ग और महिला आरक्षण के प्रावधान  का सही ढंग से पालन नहीं होने के कारण लिया। इसके साथ ही इस अवधि में विधानसभा सचिवालय के कई और श्रेणियों के कर्मचारियों के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है। अब इन्हें शामिल करते हुए नए सिरे से भर्ती की प्रक्रिया की जाएगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह के अनुसार अब नए रिक्त पदों को शामिल करते हुए और कमजोर वर्ग, महिला तथा अन्य आरक्षण के प्रावधानों को शामिल करते हुए नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया की जाएगी।

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