मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में पहले ही दिन विपक्ष का जमकर हंगामा

Jul 01, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 1 जुलाई। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में पहले ही दिन जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने नर्सिंग घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लियां। मांग नहीं माने जाने पर सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। सरकार ने मामला न्यायालय में विचाराधीन होने की बात कहकर फिलहाल चर्चा से इंकार कर दिया। अध्यक्ष ने मंगलवार को चर्चा कराए जाने का आश्वासन दिया है।

मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया जो 19 जुलाई तक प्रस्तावित है। पहले दिन बैठक शुरू होने के पहले ही कांग्रेस के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। बैठक शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाले का मामला उठाते हुए इस पर स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा कराए जाने की मांग की। कांग्रेस के कई सदस्य उनकी मांग के समर्थन में खड़े हो गए और सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए इस पर तुरंत चर्चा कराना संभव नहीं है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह डा मोहन यादव की सरकार है. किसी भी तरह की चर्चा से भागती नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सत्र के दौरान कई अवसर आएंगे जब इस विषय को उठाया जा सकता है। इसी बीच कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने नीट परीक्षा की गड़बड़ियों का विषय उठा दिया। इसके बाद सभी मंत्री और विधायक खड़े हो गए और उन्होंने इसका विरोध किया। फिर सदन की कार्रवाई 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्रवाई दोबारा शुरू होने पर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा। हंगामे की स्थिति लगातार बनी रही तो स्पीकर ने बैठक कल तक के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने विपक्ष को सत्र के दूसरे दिन इस मुद्दे पर चर्चा का मौका देने का आश्वासन दिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है। मंत्रियों और अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। इस पर काम रोककर चर्चा कराई जानी चाहिए। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गी ने कहा कि नियम यह है कि जो विषय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होता है, उसे पर सदन में चर्चा नहीं कराई जाती है। इस पर नेता प्रतिपक्ष में कहा कि हम उसे विषय पर चर्चा ही नहीं कर रहे हैं। नर्सिंग काउंसिल को लेकर कहीं कोई रोक नहीं है। सरकार ने नियमों में बदलाव कर मंत्री और अधिकारियों को नियम दे दिए। इसके कारण भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कांग्रेस के हंगामे पर कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच हो रही है। जब चर्चा होगी, तब सब सामने आ जाएगा। कांग्रेस केवल राजनीति कर रही है। चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने तेज स्वर में कहा कि सरकार चर्चा से भाग रही है। यह लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है, जो दोनों दलों में हैं। इसको विचारधारा से नहीं बांधा जाना चाहिए। उनके तेज स्वर में बोलने पर मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हमें उत्तेजना में बात सुनने की आदत नहीं है, सभी सदस्य मर्यादा में रहें।

 

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