मप्र में संभागों-जिलों की सीमाएं फिर से तय होंगी,परिसीमन आयोग गठित
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 9 सितंबर। मध्यप्रदेश की डा मोहन यादव सरकार ने सुशासन की ओर बड़ा कदम बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी संभागों और जिलों की सीमाओं का पुनर्निधारण का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य परिसीमन आयोग के गठन की घोषणा की है। शासन ने सीएम की घोषणा को अमली जामा पहनाते हुए आयोग के गठन का गजट नोटीफिकेशन जारी कर दिया है। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव आयोग के अध्यक्ष होंगे। उन्हें राजस्व मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। आयोग अध्यक्ष सहित तीन सदस्यीय होगा। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार नए जिलों के गठन की घोषणा भी हो सकती है।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव लगातार इस बात का जिक्र करते आ रहे हैं कि प्रदेश में राजस्व सीमाएं सही नहीं हैं। इसलिए राजस्व की हर इकाई ग्राम, पंचायत, तहसील, अनुभाग, जिला एवं संभाग में प्रशासनिक कामों के लिए आम लोगों को परेशान होना पड़ता है। कई जगह जिला मुख्यालय की दूरी तहसील मुख्यालय से बहुत ज्यादा है, जबकि किसी अन्य जिले का मुख्यालय उस तहसील की सीमा से लगा है। रायसेन जिले का मंड़ीदीप इसका सबसे सटीक उदाहरण है। देश में औद्योगिक क्षेत्र के लिए विख्यात मंडीदीप से जिला मुख्यालय रायसेन जाने के लिए भोपाल शहर को क्रास करना पड़ता है। मंडीदीप और उसका तहसील मुख्यालय ओबेदुल्लागंज भोपाल जिले की सीमा से लगा है और भोपाल जिला मुख्यालय यहा से पास पड़ता है।इस तरह की तमाम समस्याओं को देखते हुए सीएम मोहन यादव बहुत दिनों से सीमाओं के पुनर्निधारण की बात कर रहे थे। उन्होंने सोमवार को इसका जिक्र करते हुए राज्य परिसीमन आयोग के गठन की घोषणा की और अपने सोशल मीडिया एकांउंट्स के जरिए इसकी जानकारी दी। शाम तक सीएम की घोषणा के अनुसार आयोग के गठन का नोटीफिकेशन भी जारी हो गया। सीएम ने बीना दौरे के पहले यह ऐलान किया था। दरअसल, बीना को जिला बनाने को लेकर कई विवाद सामने आए थे। जबकि प्रदेशभर में करीब एक दर्जन तहसीलों को जिला बनाने की मांग उठ रही है। ऐसे में सरकार ने नए परिसीमन आयोग का गठन करने का फैसला किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने गजट नोटिफिकेशन का आदेश जारी कर दिया है। अब प्रदेश में जिलों की सीमाएं और नए जिलों के गठन का रास्ता साफ होगा। माना जा रहा है कि इससे मध्य प्रदेश में कुछ नए जिलों का गठन हो सकता है।
मध्य प्रदेश में फिलहाल 55 जिले और 10 संभाग हैं, लेकिन प्रदेश के कई संभागों और जिलों की सीमाओं में खासा अंतर नजर आता है। भौगोलिक दृष्टि से कई जिले बहुत छोटे हैं तो कुछ जिलों की सीमाएं बहुत ज्यादा बड़ी हैं, ऐसे में अब जिलों की सीमाओं पर काम किया जाएगा। बड़े जिलों में तहसीलों की दूरी जिला मुख्यालयों से ज्याद होती हैं, ऐसे में कई तहसीलों को जिला बनाने की मांग उठ रही है। राजनीतिक मांग भी तेजी से उठ रही है।