मप्र में बिजलीघरों की राख का उपयोग बढ़ाने की कोशिशें
भोपाल, 16 सितम्बर| मध्य प्रदेश के ताप बिजलीघरों से निकलने वाली राख का भंडारण बढ़ता जा रहा है, लिहाजा सरकार ने इस राख (फ्लाई एश) का उपयोग बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। बताया गया है कि प्रदेश में कार्यरत ताप विद्युत गृह की 100 किलोमीटर परिधि वाले जिलों में भवन और सड़क निर्माण से संबंधित कार्यो में फ्लाई ऐश और उससे बनी सामग्री का उपयोग आवश्यक रूप से करने के निर्देश भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय ने लिए हैं। इन जिलों में मिट्टी से बनने वाली ईंट (रेड ब्रिक) के कारखानों पर रोक भी लगाई जानी है।
राज्य के नगरीय विकास और पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने बिजलीघरों की राख के उपयोग के संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में चल रहे ताप विद्युतगृहों में बीते वर्ष एक करोड़ मीट्रिक टन राख का उत्पादन हुआ। इसमें लगभग 50 प्रतिशत राख का उपयोग ही ईंट बनाने तथा अन्य कार्यो के लिए हो सका है। ऐसे में फ्लाई एश के उपयोग के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए।