मप्र में कुपोषण मुक्त होने वाली पंचायतों को मिलेगा पुरस्कार
भोपाल, 4 सितंबर। मध्यप्रदेश में अब कुपोषण के खिलाफ अभियान के लिए पंचायतों को और सशक्त बनाया जाएगा। इसके तहत उन पंचायतों को पुरस्कार दिए जाने की भी योजना है, जो पंचायतें बच्चों को पोषण स्तर में सुधार लाकर ग्राम पंचायत को कुपोषण मुक्त बनाएंगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में पोषण आहार सप्ताह एक से 8 सितम्बर तक मनाया जा रहा है। इसके तहत अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगले एक वर्ष में कुपोषण से मुक्त होने वाली पंचायत को उनकी स्थिति का आकलन कर पुरस्कृत किया जायेगा।
महिला-बाल विकास मंत्री ने बताया कि कुपोषण को समाप्त करने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। इसमें जन-सहभागिता और स्थानीय निकायों की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिये विभाग ने पुरस्कार योजना शुरू की है। योजना के अनुसार पुरस्कृत पंचायत के सरपंच को 2100 रुपये, जन-समुदाय अथवा व्यक्ति विशेष द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर 1100 रुपये, आँगनवाड़ी और मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी सहायिका, आशा कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक, एएनएम और पंचायत सचिव को 1100-1100 रुपये और ग्राम पंचायत को आदर्श आँगनवाड़ी केन्द्र बनाये जाने पर 5000 की नगद राशि से पुरस्कृत किया जायेगा।
कुपोषण मुक्त पंचायत को घोषित करने के लिये ग्राम पंचायत को संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी और जिला महिला-बाल विकास अधिकारी को घोषणा-पत्र देना होगा। इसकी पुष्टि थर्ड पार्टी से करवायी जायेगी। आगामी 6 माह से एक वर्ष तक पोषण मुक्त होने की निरंतरता रहने पर ही पुरस्कार दिया जायेगा।
महिला-बाल विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश के पोषण-स्तर में पिछले 10 वर्ष में सकारात्मक सुधार आया है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक वर्ष 2004-05 में 60 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे, जो घटकर 42.80 प्रतिशत रह गये हैं। देश के अन्य बड़े राज्यों में कुपोषण में आयी कमी से अगर तुलना करें, तो प्रदेश में कुपोषण में भारी कमी आयी है।