मप्र के आंगनवाड़ी केंद्रों में मिड डे मील में मिलेट्स परोसने की तैयारी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 11 जुलाई। कुपोषण और बीमारियों से बचाव के लिए मध्यप्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रो में बच्चों को सप्ताह में कम से कम दो बार मोटे अनाजों (मिलेट्स) से बनी भोजन सामग्री दी जाएगी। इसका खाका तैयार किया जा रहा है और बहुत जल्द इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रो में मध्यान्ह भोजन तैयार करने का जिम्मा स्व सहायता समूहों से लेकर आंगनवाड़ी सहायिकाओं को सौंपे जाने की भी तैयारी है।
केंद्र सरकार कुपोषण औऱ बीमारियों से बचाव के लिए मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा दे रही है। केंद्र सरकार के इस अभियान में राज्य सरकार भी शामिल हो गई है। इसी कड़ी में प्रदेश के 97 हजार 135 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को सप्ताह में एक या दो दिन मोटे अनाज से बनी चीजें देने की योजना बनाई गई है। मोटे अनाजों से बनने वाली भोजन सामग्री में बाजरा और ज्वार जैसे अनाजों से बने पकवानों को शामिल किया जाएगा।साथ ही हर अंचल में वहां की प्रसिद्ध और बच्चों के लिए रुचिकर चीजें दी जाएंगी। उस अंचल में प्रसिद्ध खाने की चीजों के आधार पर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरे एक सप्ताह के भोजन का खाका तैयार किया जाएगा। इस फैसले के पीछे की बड़ी वजह इन अनाजों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध पोषक तत्व का होना है। कुपोषण और बीमारियों के कारण शून्य से छह वर्ष के उम्र के बच्चों में से 40 प्रतिशत ठिगनापन और 27 प्रतिशत कम वजन के हैं। इनमें कुछ बच्चे ठिगनापन और कम वजन दोनों के शिकार हैं। इस कारण पोषण आहार में बदलाव की तैयारी है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए भोजन बनाने का काम स्व-सहायता समूहों की जगह आंगनबाड़ी सहायिकाओं को देने पर विचार चल रहा है। पहले भी सहायिका के पास यह जिम्मेदारी थी। कुछ वर्षों से यह काम स्व-सहायता समूहों को दे दिया गया था। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि सहायिका आंगनबाड़ी की ही कर्मचारी हैं, इसलिए वह भोजन बनाने की जिम्मेदारी और अच्छे से संभाल सकती है। हालांकि, स्व-सहायता समूह इसका विरोध कर रहे हैं।
प्रदेश में अभी करीब एक लाख आंगनवाड़ी केंद्र हैं। सरकार पीएम जन मन योजना के तहत प्रदेश के जनजाति क्षेत्रों में 194 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के आदेश जारी कर चुकी है। महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के अनुसार प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए नवीन आंगनबाड़ी केंद्र खोले जा रहे हैं। प्रदेश के शिवपुरी में 34, श्योपुर में 33, शहडोल में 23, उमरिया में 23, गुना में 14, डिंडोरी में 12, अशोकनगर में 10, अनूपपुर में 7, मंडला में 6, विदिशा में 5, बालाघाट में 5, ग्वालियर में 5, दतिया में 4, जबलपुर में 3, सीधी में 4, मुरैना में 2 एवं कटनी, छिंदवाड़ा, भिंड और रायसेन में 1-1 नवीन आंगनवाड़ी केंद्रों को मिलाकर कुल 194 नवीन आंगनवाड़ी केंद्र खुलेंगे।