मप्र की नदियों और तालाबों में नहीं चल सकेंगे क्रूज और बोट
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 5 मार्च। प्रदेश के तालाबों-नदियों में क्रूज व बोट चलाने चलाने की मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम की योजना पर एनजीटी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी पानी फेर दिया है। एनजीटी के आदेश के खिलाफ पर्यटन विकास निगम की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में खारिज कर दिया।
मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने प्रदेश के तालाबों-नदियों में क्रूज व बोट चलाने की योजना बड़े उत्साह के साथ तैयार की थी। काम शुरू होने के पहले ही इसका जमकर प्रोपेगंडा किया गया। पहले से ही एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 12 सितंबर 2023 को तालाब और नदियों में क्रूज और मोटर बोट चलाने पर रोक लगाई थी। यह रोक भोपाल के बड़े तालाब, नर्मदा नदी समेत प्रदेश की किसी भी वॉटर बॉडीज यानी जल संरचना पर क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर पर थी। एनजीटी ने डीजल इंजन से चलने वाले क्रूज और मोटर से जलीय जीवों को खतरा बताते हुए आदेश दिया था। पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी पांडेय ने पीने का पानी लेने वाली प्रदेश की वॉटर बॉडीज को संरक्षित करने के लिए 2022 में एनजीटी में याचिका लगाई थी। एनजीटी के फैसले के खिलाफ पर्यटन विकास निगम ने सुप्रीम कोर्ट मे अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने अपील पहली ही सुनवाई में खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम की अपील पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि एनजीटी ने प्रदेश की वॉटर बॉडी को बचाने प्रयास किया है। निगम इस पहल के खिलाफ कैसे जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट पर्यटन विकास निगम के वकील के तर्कों से संतुष्ट नहीं हो सकी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुभाष सी पांडेय ने कहा कि यह आदेश स्वागत योग्य है। यह आदेश देश के समस्त जल संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा।