मध्यप्रदेश में नेट मीटरिंग की नीति और विनियमन जल्दी लागू होंगे - शुक्ल
भोपाल: 17 नवम्बर/ राज्य के ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, खनिज साधन एवं जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश द्वारा सोलर इनर्जी के क्षेत्र में एशिया और विश्व स्तर पर अपनी जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि नीमच में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट स्थापित है, जब कि रीवा में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोलर ऊर्जा के उत्पादन के लिए बंजर जमीन या ऐसी जमीन जो उपयोगी नहीं है, की आवश्यकता होती है इसलिए जमीन को ढॅूढने और फिर उसे सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए उपयोगी बनाना आज की आवश्यकता है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि रूफटॉप सोलर प्लांट लगाना आज समय की मांग है। आम आदमी को भी सोलर ऊर्जा का लाभ मिले इसके लिए नेट मीटरिंग की नीति और विनियमन जल्दी ही मध्यप्रदेश में लागू किए जायेंगे। ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि जर्मनी में रूफटॉप सोलर प्लांट और नेट मीटरिंग प्रणाली पर सबसे अच्छा काम हुआ है। राज्य शासन मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए एवं नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के विभिन्न स्त्रोतों को बढ़ाने के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध करा रहा है।
श्री शुक्ल आज यहां मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय में पावर डिस्ट्रीब्युशन ट्रेनिंग सेन्टर के सभागार में शासकीय भवनों पर 5 मेगावाट ग्रिड संयोजित सोलर रूफटॉप परियोजना के तहत पहले चरण में शासकीय भवन के ऊपर स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र से 11.96 किलोवाट क्षमता के बिजली उत्पादन संयंत्र का लोकार्पण कर रहे थे।
इस अवसर पर राज्य के प्रमुख सचिव, ऊर्जा श्री आई.सी.पी. केशरी, प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री विवेक पोरवाल, मेसर्स रतन इंडिया के एमडी श्री जयंत कावले, ऊर्जा विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी श्री मुकुल धारीवाल एवं कंपनी के निदेशक (वाणिज्य) श्री विजय क्षीरसागर सहित उच्च अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक (मानव संसाधन) सुश्री विजू थामस, श्रीमती हनी शर्मा ने किया। आभार महाप्रबंधक (वाणिज्य) श्री बी.एस.खनूजा ने व्यक्त किया।
राज्य के प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री केशरी ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश ग्रीन इनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में कारगर कदम उठा रहा है और देश के और राज्यों के लिए मिसाल के रूप में उभरा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में शासकीय भवनों पर रूफटॉप परियोजना स्थापित करने का कार्य मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। इस अवसर पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनु श्रीवास्तव ने सोलर पावर तथा उससे जुड़ी नीतियों के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने सोलर के अलावा विंड इनर्जी, बायो इनर्जी आदि से बिजली उत्पादन के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर मेसर्स रतन इंडिया के एमडी श्री जयंत कावले ने आशा व्यक्त की कि भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में शासकीय भवनों पर 5 मेगावाट ग्रिड संयोजित सोलर रूफटॉप का काम प्रगति पर है और इसे निर्धारित समयावधि में पूरा करने का हर-संभव प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम में मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री विवेक पोरवाल ने कहा कि भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 10 मेगावाट क्षमता आवंटित करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है, जिस पर कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।
परियोजना से संबंधित मुख्य बिन्दु एवं नीति
म.प्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के अंतर्गत प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों को सोलर आरपीओ (रिन्युवेल परचेज आबलिगेशन) पूर्ण करने की बाध्यता है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में भू-स्थापित सोलर परियोजनाओं के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों की तरह राज्य में भी रूफटॉप सोलर परियोजना विकसित करने का प्रयास मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया गया है।
राज्य शासन ने निर्णय लिया था कि प्रथम चरण में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के तीन शहरों की शासकीय तथा शासकीय उपक्रमों की छतों पर 5 मेगावाट क्षमता की ग्रिड संयोजित सोलर रूफटॉप परियोजना स्थापित करने का कार्य ग्रास मीटरिंग पद्धति पर प्रारंभ किया जाए। भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल को ग्रिड संयोजित सोलर रूफटॉप परियोजना के लिए राज्य में नोडल एजेन्सी नियुक्त कर रू. 12 करोड़ की राशि पायलट प्रोजेक्ट के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता के अंतर्गत प्रदान की है।
वितरण कंपनी के दृष्टिकोण से इस परियोजना से होने वाले लाभ एवं हानि के अध्ययन उपरांत एक स्वीकृत मॉडल निर्मित करने हेतु मेसर्स जी.आई.जेड. जो कि जर्मनी सरकार की सहयोगी संस्था है, द्वारा मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहायता एवं सहयोग प्रदान किया गया है।
प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के तीन शहरों तथा भोपाल, इंदौर, जबलपुर हेतु प्रतिस्पर्धात्मक निविदा द्वारा सफल विकासक मेसर्स रतन इंडिया इनर्जी रिसोर्सिंग लि., गुडगांव का चयन किया गया है, जिसके द्वारा क्रमशः भोपाल, इंदौर, जबलपुर के लिए प्रस्तुत की गई रू. 5.18, 4.90, 5.11 प्रति किलोवाट घण्टा की न्यूनतम दर पर एमपी पावर मेनेजमेंट कंपनी द्वारा विद्युत खरीदी की जाएगी।
इस परियोजना के तहत भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहरों में क्रमशः 1.5 मेगावाट, 1.5 मेगावाट, एवं 2 मेगावाट क्षमता निर्मित होगी। मध्य प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा 23 अक्टूबर को नेट मीटरिंग पद्धति हेतु विनियम अधिसूचित किए गए हैं।
राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णयानुसार मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अनुरोध पर भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 10 मेगावाट क्षमता आवंटित करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है, जिस पर कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।