मध्यप्रदेश पुलिस अब जुर्म, तफ्तीश, अदालत जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल 14 मई। मध्यप्रदेश पुलिस अब अपने दैनिक काम काज में जुर्म, तफ्तीश, अदालत, ताजी रात ए हिंद जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगी। इनके स्थान पर अपराध, जांच. न्यायालय, भारतीय दंड संहिता जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा। पुलिस की कार्य प्रणाली, लिखा-पढ़ी और बोलचाल की भाषा में उर्दू, फारसी और अन्य भाषाओं के 69 शब्दों का इस्तेमाल बंद करके इनकी जगह हिंदी के शब्दों का उपयोग किया जाएगा।
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय अपराध अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पवन कुमार श्रीवास्तव ने सभी पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक जिला, रेल और अजा को पत्र लिखा है। इसमें उर्दू-फारसी के 69 शब्दों की जगह हिंदी के शब्दों का प्रयोग करने के लिए लिखा गया है। उन्होंने लिखा कि पुलिस की वर्तमान कार्रवाइयों में उर्दू और फारसी आदि भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। पुलिस अब लिखा-पढ़ी और बोलचाल की भाषा में 69 उर्दू शब्दों की जगह हिंदी के शब्दों का इस्तेमाल करेगी। अदालत शब्द की जगह अब एमपी पुलिस न्यायालय शब्द का इस्तेमाल करेगी। अब गिरफ्तार शब्द को अभिरक्षा कहा जाएगा। एमपी पुलिस द्वारा उर्दू के शब्दों का इस्तेमाल न करने पर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार शब्दों को बदलने के बजाय अपने कामकाज का तरीका बदले।
पुलिस की लिखा-पढ़ी और बोलचाला की भाषा में में उर्दू, फारसी शब्दों के इस्तेमाल को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मध्य प्रदेश विधानसभा में दो साल पहले इस मुद्दे को उठाया था. वहीं, अब यशपाल सिंह सिसोदिया का कहना है की 1896 के समय से पुलिस विभाग में ये शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं. पुलिस की लिखा-पढ़ी और बोल चाल की भाषा में हिंदी के शब्द नहीं है. लोगों का नाम हिंदी में पड़ता है. कई शब्द ऐसे है जो समझ नहीं आते है. इसलिए इन्हें बदलना बेहद जरूरी था। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि उर्दू की जगह हिंदी शब्दों के इस्तेमाल को लेकर दो सालों से प्रयास चल रहा था। शब्दों के बदले जाने को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार को आदेश भी जारी कर दिया है। यहां हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से शब्द हैं, जिन्हें पुलिस की कार्य प्रणाली में बदला गया है।
- जाप्ता फौजदारी : दंड प्रक्रिया संहिता
- अदालत : न्यायालय
- ताजिरात-ए-हिंद : भारतीय दंड संहिता
- कैदखाना : बंदी गृह
- हाजिर/गैरहाजिर : उपस्थित/अनुपस्थित
- तफ्तीश/तहकीकात : अनुसंधान/जांच
- तहरीर : लिखित/लेखीय विवरण
- इस्तगासा : दावा, परिवाद
- इरादतन : साशय
- कब्जा : आधिपत्य
- कत्ल/कातिल/कतिलाना : हत्या,वध/हत्यारा/प्राणघातक
- गुजारिश : प्रार्थना, निवेदन
- गिरफ्तार/हिरासत : अभिरक्षा
- नकबजनी : गृहभेदन, सेंधमारी
- चश्मदीद गवाह : प्रत्यक्षदर्शी, साक्षी