मध्यप्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश से जनजीवन हुआ बेहाल
खरी खरी डेस्क
भोपाल, 27 अगस्त। प्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने आम जन जीवन को बेहाल कर दिया है। सौ से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। प्रदेश के लगभग सभी अंचलों में लगातार पानी गिर रहा है और अभी भी कई जिलों में बरसात को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के लगभग सभी बांध लबालब हैं और उनके गेट खोले जाने के कारण मैदानी इलाकों में पानी पानी हो गया।
मध्यप्रदेश के करीब 34 जिलों में भारी बरसात की खबरें मिल रही है। प्रदेश के ढाई सौ से ज्यादा कस्बों में बाढ़ के कारण तबाही मच गयी है। दस हजार से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बारिश ने इस बार ऐसा कहर ढाया कि सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और मंडला, सीहोर, रतलाम,छिंदवाड़ा में 5 लोग अभी भी लापता हैं। बारिश की मार में 208 मकान ढह गए और 20 लोग बुरी तरह घायल हो गए। ढाई हजार से ज्यादा मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश के कारण पशु बेहाल हैं और फसलें भी खराब हो रही हैं। मंडला में 5, रायसेन में 10, मंदसौर में 22, शाजापुर में 53, झाबुआ में 5, सीहोर में 14, अलीराजपुर में 1, टीकमगढ़ में 21 और बड़वानी में 8 पशुओं की मौत की ख़बर है। मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में पानी घुस गया है। पानी के कारण जिलों में फसलें चौपट हो रही हैं। बाढ़ और बारिश के कारण फसलों को भी भारी नुक़सान पहुंचा है। कहीं-कहीं तो पूरी फसल चौपट हो गयी है। शाजापुर में 500 हेक्टेयर, सीहोर में 96, बड़वानी में 40, मंदसौर में 470, मुरैना में 155, झाबुआ में 163, विदिशा में 140 हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ और बारिश की भेंट चढ़ गयी। जमीन शुरुआती आंकलन में बाढ़ और बारिश के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान होने की रिपोर्ट है। पानी की अधिकता के कारण बांधों के गेट खोले गए हैं। राजधानी भोपाल में केरवा, भदभाद, कलियासोत सहित कई छोटे बांधों के गेट कई बार खोलने पड़े। मंदसौर में भारी बारिश के बाद गांधी सागर बांध के 19 में से 3 गेट खोल दिए गए। बांध में पानी की आवक जारी है इसलिए 58095 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। शिवना नदी पर बने अटल सागर बांध के चार गेट खोल दिए गए हैं। प्रशासन ने निचली बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया है। पड़ोसी राज्य राजस्थान के कोटा जिले में भी बारिश के कारण अलर्ट जारी किया गया है। शिवना नदी में बाढ़ का पानी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर के गर्भ गृह में घुस गया है। पशुपतिनाथ महादेव के चारमुख जलमग्न हो गए हैं।