बदली-बदली नजर आयेगी मप्र विधानसभा, जुलाई में होगा मानसून सत्र

Jun 12, 2020

सुमन त्रिपाठी
भोपाल, 12 जून। कोरोना महामारी के चलते हर जगह दिखाई दे रहे बदलावों का असर इस बार मप्र की विधानसभा में भी दिखाई पड़ेगा। जुलाई के तीसरे हफ्ते में संभावित विधानसभा के मानसून सत्र में सदन का नजारा बहुत बदला हुआ होगा। इस सत्र में वित्त विधेयक सहित कई विधेयकों को पारितकरने के साथ साथ स्थायी स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव भी होना है। अभी सत्र की तारीख फाइनल नहीं हुई है लेकिन सत्र बहुत छोटा होने की उम्मीद है। और विधानसभा सचिवालय ने बदली हुई परिस्थितियों के अनुसार सत्र संचालन की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने और फिर बीजेपी की शिवराज सरकार बनने से विधानसभा का बजट सत्र अस्त व्यस्त हो गया था। उसी बीच कोरोना संक्रमण फैलने से हुए लॉक डाउन के चलते बजट भी पारित नहीं हो पाया था। अनलांक-01 के बीच अब अनुमान लगाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र जुलाई माह के तीसरे सप्ताह में आहूत किया जा सकता है। जुलाई में सत्र होने की संभावनाओं के बीच विधानसभा सचिवालय ने भी सत्र की तैयारी शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश में 230 विधायकों की बैठने की व्यवस्था है। एक बैंच पर दो और कुछ बैंचो पर तीन और कुछ बैंचो पर चार विधायकों के बैठने की व्यवस्था सदन में है। कोरोना महामारी के बीच सोशल डिस्टेंस को मैन्टेन करने के लिये विधायकों के बीच दो गज की दूरी होना आवश्यक है, इसलिये विधानसभा सचिवालय ने विधायकों को दूर-दूर बैठाने की व्यवस्था पर होमवर्क करना शुरू कर दिया है। नंवबर 2000 के पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायकों की संख्या 320 थी,लेकिन 90 विधायक छत्तीसगढ़ प्रदेश के गठन के बाद छत्तीसगढ़ चले गये। अब मध्यप्रदेश में विधायकों की संख्या 230 बची है। प्रदेश की 320 सदस्यों वाली तत्कालीन विधानसभा के वर्तमान भवन में सदन में करीब 400 विधाय़कों के बैठने की व्यवस्था थी। बंटवारे के दौरान 90 सदस्यों के साथ विधानसभा की सीटें भी छत्तीसगढ़ चली गयी थी। इसलिए सदन में बीच का हिस्सा खाली दिखाई पड़ता है। अब विधानसभा में बैंचों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है...ताकि सोशल डिस्टेसिंग के फार्मूले का पालन किया जा सके। विधानसभा सचिवालय ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। जुलाई माह के संभावित सत्र में विधानसभा सचिवालय को सोशल डेस्टेसिंग का पलान कराने में कुछ आसानी भी होगी...क्योंकि फिलहाल मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायकों की संख्या मात्र 206 है। सदस्यता से 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और 2 विधायकों के निधन के चलते सीट खाली हैं। फिलहाल उपचुनाव की सुगबुहाट भी नहीं है इसलिये 206 विधायकों को बैठने की व्यवस्था फिलहाल विधानसभा सचिवालय करने पर विचार कर रहा है। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी सिंह का कहना है कि जुलाई माह में होने वाले सत्र को लेकर फिलहाल तैयारी को लेकर रोडमेप तैयार किया जा रहा है...लेकिन पूर्णकालिक विधानसभा अध्यक्ष ने के बाद अध्यक्ष के निर्देशन में सदन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जायेगा।उन्होने कहा कि जरूरत पड़ी तो सदन में नयी सीटों को लगाने पर भी विचार किया जायेगा। फिलहाल जुलाई माह में होने वाले सत्र के लिये कुछ नयी कुर्सी लगायी जा सकती है। विधानसभा परिसर और सदन में जगह जगह सेनटाइजिंग और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था जरूर की जाएगी।

 

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