प्रदीप मिश्रा ने आखिरकार बरसाने पहुंचकर राधारानी से नाक रगड़कर माफी मांगी
खरी खरी संवाददाता
मथुरा, 29 जून। राधा रानी पर विवादित टिप्पणी से चर्चा में आए मध्यप्रदेश के कुबरेश्वर धाम के प्रमुख और कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बृज के संतों की नाराजगी और चेतावनी के बाद बरसाने पहुंचकर राधारानी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी।
प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था कि राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थी। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थी। जिसके बाद संत समाज में नाराजगी देखने को मिली। उनके बयान के बाद प्रेमानंद जी महाराज ने कहा था कि तुम्हें (प्रदीप मिश्रा) लाडली जी के बारे में क्या पता है? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी भी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जैसा वेद कहते हैं कि राधारानी और श्रीकृष्ण अलग नहीं है। तुझे शर्म आनी चाहिए। जिसके यश का गान करके जीता है, जिसका यश खाता है, जिसका यश गाकर तुझे नमस्कार और प्रणाम मिलता है, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता है। प्रेमानंद महाराज यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि श्रीजी की अवहेलना की बात करता है। कहते हैं कि वह इस बरसाने की नहीं हैं। संतों से अभी सामना पड़ा नहीं है। चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पुजवाता है, तो समझ लिया कि तू बड़ा भागवताचार्य हो गया है। रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं, तो तुमने कितने ग्रंथों का अध्यन किया है? चार श्लोक पढ़ किया लिए, भागवत प्रवक्ता बन गया। तुम नरक में जाओगे। पूरा संत समाज प्रदीप मिश्रा के खिलाफ हो गया। विवादों में घिरे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शनिवार दोपहर बरसाना पहुंचे। यहां उन्होंने राधा-रानी मंदिर पहुंचकर राधा जी को दंडवत प्रणाम किया और नाक रगड़कर माफी मांगी। इस दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। राधा-रानी से माफी मांगने के बाद वो मंदिर से बाहर निकले। हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन किया। मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सभी ब्रजवासियों को बहुत-बहुत बधाई। राधा-रानी के दर्शन करने के लिए यहां पधारा हूं। मैं ब्रजवासियों के प्रेम की वजह से यहां आया हूं। लाडली जी ने खुद ही इशारा कर मुझे यहां बुलाया, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा।