पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह इतनेे गरीब कि बीपीएल सूची में नाम दर्ज हुआ
गुना। राजशाही काल में मध्य भारत की राघौगढ़ रियासत के राजा और लोकतांत्रिक काल में मध्यप्रदेश के दस साल तक मुख्यमंत्री रहे, वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह इतने गरीब हैं कि उनका और उनके परिवार का नाम बीपीएल सूची में दर्ज है। यह कोई सुनी सुनाई बात नहीं है बल्कि मध्यप्रदेश सरकार के रिकार्ड में दर्ज है। करीब तीन साल पहले गरीबी रेखा के जीवन यापन करने वालों का जो सर्वे हुआ था, उसकी ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी (अब दिवगंत) आशा सिंह और उनके पुत्र जयवर्द्धन सिंह का नाम गुना जिले की बीपीएल सूची में दर्ज है।
मीडिया में यह खबर आने के बाद मध्यप्रदेश में सियासी हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस से राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने बाकायदा गुना के कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है। अपने पत्र में दिग्विजय सिंह ने इस बात का उल्लेख भी किया है कि उनके परिवार को बीपीएल सूची में होने का कोई लाभ नहीं मिला है। उन्होंने इस तरह उनके परिवार का नाम बीपीएल सूची में आने को मध्यप्रदेश सरकार की साजिश करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साजिश में शामिल लोगों को माफी मांगनी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। वहीं राज्य शासन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है, लेकिन गुना का जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। गुना प्रशासन इसे एक तकीनीकी गलती मान रहा है और गलती के लिए जिम्मेदार लोगों की तलाश हो रही है। गुना के कलेक्टर का कहना है कि तीन साल पहल जब सर्वे हुआ था तो किसी खामी के चलते कोई गलत एंट्री हो जाने व से पूरा डाटा ही गलत दर्ज गया है। कलेक्टर ने माना कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने उन्हें पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है। उसके आधार पर डाटा को हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं।