पानी संकट बन सकता है 2023 का चुनावी मुद्दा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 20 फरवरी। मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव कड़ी टक्कर के साथ दिलचस्प होंगे। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि बहुत सारे मुद्दे हैं। दो राजनीतिक दल भी पानी को राजनीतिक मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं। इसके बावजूद पानी की समस्या अब भी बनी हुई है। यही वजह है कि चुनाव तो दूर है लेकिन पानी की चर्चा जोर पकड़ रही है।
राज्य के कई इलाके ऐसे हैं जहां गर्मी के मौसम में पीने के पानी की कमी हो जाती है और किसानों को सिंचाई के लिए पानी आसानी से नहीं मिल पाता है। राज्य में कई सिंचाई परियोजनाओं के साथ हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने का अभियान जारी है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता पर नजर डालें तो पता चलता है कि करीब 43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई का पानी मिलना शुरू हो गया है। इसके साथ ही कई ऐसी परियोजनाएं लंबित हैं जो अगले दो वर्षों में 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा प्रदान कर सकती हैं। वहीं कांग्रेस लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को डिक्लेरेशन हीरो बताती है। बुंदेलखंड के कांग्रेस नेता वीरेंद्र दवे अब पानी समेत अन्य मुद्दों को लेकर साइकिल यात्रा निकालने जा रहे हैं. दवे का कहना है कि इस क्षेत्र के लिए पंचम नगर सिंचाई परियोजना से कृषि के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है लेकिन इसमें लगातार रुकावटें आ रही हैं. यह ऐसा प्रोजेक्ट है जिससे किसानों को पानी भी मिलेगा और बिजली भी बनेगी। इस प्रोजेक्ट में बिना बिजली के खेतों तक पानी पहुंचेगा। दवे का आरोप है कि क्षेत्र की एक वाणिज्यिक सीमेंट कंपनी लगातार असहयोग कर रही है और परियोजना को पूरा करने में बाधा डाल रही है। इसलिए उन्होंने पानी समेत अन्य मुद्दों को लेकर साइकिल यात्रा निकालने का फैसला किया है।
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