न मंत्रोच्चार और न फेरे संविधान हाथ में लेकर रचाई शादी

Jan 17, 2023

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 17 जनवरी। न तो अग्नि के सात फेरे हुए और न ही मंत्रोच्चार के साथ भांवरे पड़ीं और न ही फूलों से सजे स्टेज पर वरमाला हुई... लेकिन शादी हुई। देश का संविधान हाथ में लेकर एक जोड़े ने शादी रचाई। मामला मध्यप्रदेश के बैतूल जिले का है। एक वकील और शिक्षिका के मंत्रोच्चार की जगह संविधान की उद्देशिका सुनकर विवाह रचाया। दूल्हा-दुल्हन ने संविधान की पुस्तिका को हाथो में लेकर एक दूसरे का साथ जीवन भर निभाने की कसम खाई। खास बात यह रही कि अंतर्जातीय इस शादी में दोनों के प्रेम विवाह को वर और वधू पक्ष ने पूरी सहमति और अपनेपन से अपनायापेशे से वकील दर्शन बुंदेला खुले विचारों के युवक है। अक्सर सम सामयिक मुद्दों, गरीबों वंचितों के लिए मोर्चा निकालने वाले दर्शन शोषित, वंचितों के लिए लड़ते रहे हैं। अपनी वकालत की फीस से समझौता कर वे कई जरूरतमंदों के केश मुफ्त लड़ते है। अपने इसी जुखारूपन के चलते उनकी दोस्ती कॉलेज जीवन में राजश्री से हुई। अच्छी दोस्त और सामाजिक सरोकारों को पूरा करने में दोनों का साथ फिर प्यार में बदल गया। दोनों एक दूसरे को 12 साल से डेट कर रहे थे। कॉलेज के दिनों और मोर्चा निकालने के दौरान की यह दोस्ती अब एक शादी के बंधन में बंध गई है। दर्शन और राजश्री ने अपने परिवारों को अपनी इच्छा बताई और एक बंधन में बंधने का फैसला सुना दिया। अंतर्जातीय प्रेम विवाह को दोनों परिवारों ने सहमति दी और दोनों एक दूजे के हो गए। इसके लिए दर्शन और राजश्री ने पहले रजिस्टर्ड मैरिज की और फिर रविवार रात संविधान की शपथ लेकर एक दूसरे का हाथ थाम लिया। इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से लेकर कई वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, नाते, रिश्तेदार इस विवाह के साक्षी बने।यह अनोखा विवाह सभी जगह चर्चा का विषय बना हुआ है।

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