नाट्य विद्यालय में विद्यार्थियों का हंगामा,कक्षाओं का बहिष्कार
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भोपाल। राज्य नाट्य विद्यालय (स्टेट स्कूल आफ ड्रामा) में व्याप्त अव्यवस्थाओं के विरोध में गुरुवार को स्कूल के विद्यार्थियों ने हंगामा करते हुए कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री निवास जाकर अपनी समस्याओं का ज्ञापन सौंपा। बाद में स्कूल के डाईरेक्टर को भी ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग की। ज्ञापन की प्रति संस्कृति सचिव को भी भेजी गई है।
कला के क्षेत्र में मध्यप्रदेश राज्य का स्टेटस सिंबल बन रहा स्टेट स्कूल आफ ड्रामा (एस.एस.डी.) अव्यवस्थाओं से मुक्त नहीं हो पा रहा है। तमाम विवादों के चलते कुछ समय पहले नाट्य विद्यालय के डाइरेक्टर को हटाकर प्रदेश के जाने माने रंगकर्मी आलोक चटर्जी को डाइरेक्टर बनाया गया था। इसके बाद भी अव्यवस्थाएं ठीक नहीं हो पा रही हैं। नए डाइरेक्टर आलोक चटर्जी खुद विवादों से घिरते जा रहे हैं। अव्यवस्था से परेशान विद्यार्थियों ने गुरुवार को हंगामा खड़ा कर दिया। अव्यवस्थाओं के खिलाफ विद्यार्थियों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर सीएम हाउस ज्ञापन देने गए। वहां सीएम से मुलाकात नहीं हो पाने पर सीएम हाउस के अधिकारियों को ज्ञापन की कापी देकर आ गए। बाद में उन्होंने विद्यालय के डाइरेक्टर को ज्ञापन देकर अव्यस्थाएं ठीक करने की मांग की। विद्यार्थियों ने अपनी शिकायतों का ज्ञापन संस्कृति सचिव को भी भेजा है। ज्ञापन के बाद भी विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं गए और हास्टल चले गए।
विद्यार्थियों ने ज्ञापन में बताया है कि बजट नहीं होने की वजह से स्टूडेंट्स की सुविधाओं में कटौती की जा रही है। उनका कहना है कि एशिया के सबसे बड़े नाट्य महोत्सव भारत रंग महोत्सव 2019 में भाग नहीं लेने दिया गया। उनकी यह भी शिकायत है कि उचित सुविधा न मिलने के कारण विद्यालय में आने वाली फैक्ल्टी निराश होकर अपनी कक्षाओं को बीच में ही छोड़कर चले जाते हैं। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि न तो पीने का पानी ठीक से मिलता है और न ही अन्य उपयोग हेतु पानी उपलब्ध होता है। नाटक के मंचन के हेतु उचित वस्त्र और अन्य मंच सामग्रियों का उपलब्ध न हो पाना भी एक बड़ी समस्या है। बिना किसी अग्रिम सूचना के एवं अकारण ही विद्यार्थियों को रातो-रात हॉस्टल खाली करने का आदेश दे दिया जाता है। विद्यार्थियों ने इस सभी अव्यवस्थाओं को ठीक करने के साथ-साथ आने वाले पांच महीने के पाठ्यक्रम और प्रस्तुति की लिखित में देने की मांग की है।