नक्सलियों से जुड़ी हर जानकारी एमपी-सीजी-महाराष्ट्र हर रोज साझा करेंगे
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 17 जून। अब नक्सली गतिविधियों से जुड़ी हर जानकारी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र हर दिन साझा करेंगे। तीनों राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय की यह नई रणनीति बनी है।मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने 31 मई को पुलिस मुख्यालय में बैठक के दौरान अपराध रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ बेहतर समन्वय बनाने के लिए कहा था। इसी कड़ी में यह रणनीति तैयार की गई है, जिससे नक्सलियों की घेराबंदी की जा सके।
रणनीति के अनुसार नक्सलियों के पर्चे या पोस्टर मिलते हैं, उनके इधर-उधर आने-जाने की, किसी नए नक्सली के भर्ती होने, हथियार इकट्ठा करने के बारे में जानकारी मिलती है तो तीनों राज्य एक-दूसरे से यह जानकारी साझा करेंगे। इसके अतिरिक्त नक्सली गतिविधियों को कमजोर करने के लिए संयुक्त अभियान भी चलाए जाएंगे। बता दें कि प्रदेश में बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों को नक्सल प्रभावित माना गया है। मुख्यमंत्री की बैठक के बाद ऐसी व्यवस्था भी शुरू की गई है कि सीमावर्ती थानों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की पुलिस उपस्थित रहती है, जिससे नक्सलियों से जुड़ी कोई सूचना आने पर समन्वय बनाने में आसानी रहे। दरअसल, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की घेराबंदी के बाद उनका क्षेत्र लगातार सिमट रहा है। आशंका है कि वह मध्य प्रदेश में अपना नया ठिकाना बना सकते हैं, इस कारण भी दोनों राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (एमएमएसी) को नक्सली अलग क्षेत्र मानते हैं।तीनों राज्यों को मिलाकर ही उनके संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्ति होती है। एक राज्य में पुलिस ने घेराबंदी शुरू की तो नक्सली दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। ऐसे में पहले से तीनों राज्यों की पुलिस उनसे जुड़ी बड़ी सूचनाएं साझा कर रही थी, पर अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ऐसी रणनीति बनी है कि हर दिन की जरूरी सूचनाएं साझा की जाएं।