नए विवाद में फंसे गौरव तिवारी
भोपाल । आईपीएस ऑफिसर गौरव तिवारी कटनी एस पी के पद से हटा कर छिंदवाड़ा एसपी बना दिए गए। लेकिन हंगामे उनका पीछा नहीं छोड़ रहे। गौरव तिवारी कटनी हवाला के बाद अब अवैध शराब पकड़ने को लेकर चर्चा में आ गए हैं। तिवारी ने विगत दिनों छिंदवाड़ा में शराब दुकान और गोदाम पर छापा मारकर 7 लाख रु. मूल्य की 133 पेटी अवैध शराब पकड़ी थी। यह स्टॉक में दर्ज नहीं थी। इस कार्रवाई पर आपत्ति उठाते हुए एडीएम आलोक श्रीवास्तव की कोर्ट ने आबकारी एक्ट में एसपी को नोटिस दे दिया। इसमें कहा गया कि लाइसेंसी शराब ठेकेदार पर आबकारी विभाग ही एफआईआर दर्ज कर सकता है। यह केस आबकारी को ट्रांसफर किया जाए।
इस पर एसपी तिवारी ने कलेक्टर जेके जैन को जवाब भेज कर कहा कि कार्रवाई में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने पुलिस और आबकारी एक्ट की दो धाराओं का हवाला देकर कहा है कि मामले की जांच पुलिस ही करेगी। आबकारी विभाग को शराब ठेके से संबंधित दस्तावेज विवेचना अधिकारी को जल्दी से जल्दी उपलब्ध कराना चाहिए।
बताया जा रहा है कि जिस दुकान और गोदाम पर एसपी ने छापा मारा, उसके संचालक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से जुड़े हैं। हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण भोपाल से कार्रवाई को दबाने की कोशिश शुरू हो गई। इसीलिए जिला प्रशासन और भोपाल से बड़े अफसर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की बात कर रहे हैं।
एसपी गौरव तिवारी का कहना है कि यह संयुक्त कार्रवाई थी। शराब गोदाम में छापा मारने वाली टीम में एडीएम आलोक श्रीवास्तव, एसडीएम राजेश शाही, तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव अाौर आबकारी अधिकारी भी शामिल थे। पुलिस को कार्रवाई का अधिकार है।