धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट एएसआई सोमवार को हाईकोर्ट में पेश करेगा
खरी खरी संवाददाता
इंदौर, 14 जुलाई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला के बहुचर्चित सर्वे की रिपोर्ट सोमवार को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पेश करेगा। भोजशाला का सच जानने के लिए किए गए इस सर्वे की रिपोर्ट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी है।
मध्यप्रदेश की अयोध्या कही जाने वाली धार की भोजशाला में शिक्षा की देवी माता सरस्वती के मंदिर में पूजा अर्चना और कमाल मौलाना मस्जिद में नमाज को लेकर विवाद है। भोजशाला भारतीय पुरातत्व सर्वे के नियंत्रण में है। वक्त के साथ पूजा और नमाज का समय बदलता रहता है लेकिन अगर बसंत पंचमी शुक्रवार को पड़ जाती है तो विवाद बढ़ जाता है। उस दिन मंदिर में पूजा और मस्जिद में नमाज अता कराने में प्रशासन को पसीना आ जाता है। यह दावा है कि हजारों साल पहले भोजशाला को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। इसी मुद्दे पर सालों से विवाद चला आ रहा है। इंदौर हाई कोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश एएसआई को दिया था। यह सर्वे 22 मार्च से शुरू होकर 27 जून तक 98 दिन किया गया। सर्वे के दौरान खोदाई भी की गई। फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई। ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की सहायता ली गई। एएसआई को पहले चार जुलाई को सर्वे रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत करनी थी, किंतु रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई थी। नतीजतन, एएसआई के अनुरोध पर हाई कोर्ट ने 10 दिन का अतिरिक्त समय मिला था। यह समय 14 जुलाई को पूरा हो गया है, लेकिन 14 जुलाई को रविवार का अवकाश होने के कारण अब 15 जुलाई को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। वहीं, जैन समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली एक संस्था के कार्यकर्ता ने भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर भोजशाला को जैन धार्मिक स्थल होने का दावा किया है। उस पर भी हाई कोर्ट में सुनवाई की जानी है।