दो हजार करोड़ का नया कर्ज लेगी मप्र सरकार

Nov 15, 2018

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 15  नवंबर। कर्ज को लेकर तमाम आरोपों का सामना कर रही मध्यप्रदेश सरकार अपना खर्च चलाने के लिए एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। करीब दो हजार करोड़ का यह कर्ज पब्लिक बांड के जरिए लिया जाएगा। इसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

मध्यप्रदेश सरकार पहले से ही भारी कर्ज में डूबी है। प्रदेश के ऊपर करीब डेढ़ लाख करोड़ का कर्ज पहले से है। इसके बाद भी विकास कार्यों की गति बनाए रखने के लिए दो हजार करोड़ का नया कर्ज लेने की जरूरत पड़ गई है। वित्त विभाग ने कर्ज लेने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। इसे मिलाकर 2018 में सरकार द्वारा लिए जाने वाले कर्ज की राशि नौ हजार करोड़ रुपए हो जाएगी। संभवत: इसी हफ्ते कर्ज लेने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि इस समय राज्य सरकार गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के कारण बजट पर बड़ा असर पड़ा है। अभी विधानसभा का सत्र होने में काफी समय है। ऐसे में कर्ज लेकर काम चलाने का एकमात्र रास्ता सरकार के पास बचा है। इसलिए वित्त विभाग के अफसरों ने दो हजार करोड़ के कर्ज के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। वित्त विभाग के आला अफसरों का कहना है कि कई चालू काम धनाभाव में रुक रहे हैं। कई कामों को जारी रखने के लिए विभागों को दूसरे हैड से राशि ट्रांसफर कराना पड़ रही है। वित्त विभाग के अफसर बताते हैं कि विभागों को कई हैड में राशि दी जाती है। कई बार ऐसा होता है कि एक हैड की राशि खर्च नहीं होती, जबकि दूसरे हैड की राशि पूरी खर्च हो जाती है। इस हैड में और राशि की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कई विभाग उस हैड की राशि का उपयोग करने के लिए हैड बदलवा रहे हैं। कर्ज को लेकर वित्त विभाग के अफसर दावा करते हैं कि राशि की कमी नहीं है। कर्ज लेना प्रक्रिया का अंग है और यह बजट के समय ही तय हो जाती है। सरकार की प्रदेश के बजट की 3.50 फीसदी राशि कर्ज के रूप में लेने की लिमिट है। उसके अंदर ही कर्ज लिया जा रहा है।

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