देश के हर राज्य पर कर्ज : मलैया

Feb 25, 2015

भोपाल, 25 फरवरी| मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने राज्य पर बढ़ते कर्ज की तरफदारी करते हुए कहा है कि देश का कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। यह बात अलग है कि कर्ज किसी के लिए अभिशाप तो किसी के लिए वरदान बन जाता है। राज्य का वर्ष 2015-16 का बजट पेश करने के बाद बुधवार को विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए मलैया ने कहा कि यह बात सही है कि राज्य पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है, मगर यह भी उतना ही सही है कि कर्ज का प्रतिशत कम हो रहा है। जो कर्ज लिया गया है, उसका उपयोग राज्य के विकास पर खर्च किया गया है। 

उन्होंने बताया कि राज्य पर जहां वर्ष 2003-04 में 35 हजार करोड़ का कर्ज था, वह बढ़कर 98 हजार करोड़ रुपये हो गया है। वर्ष 2003-04 में जहां कर्ज के तौर पर कुल राजस्व प्राप्तियों का 22़ 44 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता था, मगर अब वह घटकर सिर्फ सात प्रतिशत ही रह गया है।

उन्होंने आगे कहा कि देश का कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। महाराष्ट्र पर दो लाख 95 हजार करोड़ का कर्ज है और वह कर्ज का लगभग 23 प्रतिशत ब्याज में देता है। देश पर तो 50 लाख करोड़ का कर्ज है।

उन्होंने सामान्य परिप्रेक्ष्य में कहा कि कर्ज एक तरफ जहां वरदान है, वहीं अभिशाप भी। जो लोग कर्ज को रंगरेलियों, मौज मस्ती पर खर्च कर देते हैं उनके लिए यह अभिशाप बन जाता है, वहीं कर्ज का सदुपयोग करने वाले सफल व लाभ कमाते हैं। 

मलैया ने कहा कि मध्य प्रदेश के लिए कर्ज वरदान साबित हो रहा है। 

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