दमोह के स्कूल में हिजाब को लेकर सीएम हुए नाराज
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 1 जून। दमोह के एक स्कूल में हिजाब मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने दमोह कलेक्टर को पूरे मामले की जांच करने के निर्देशदिए हैं।
दरअसल, दमोह के गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन पर हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप लगा है। छात्राओं के परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगा था, जिसमें हिंदू छात्राएं भी हिजाब पहने दिख रही हैं। इस मामले ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को जांच के आदेश दिए थे। बुधवार को ही हिंदूवादी संगठनों ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर करवाई की मांग की थी। अब गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए है।
छात्राओं के परीक्षा परिणाम के पोस्टर में स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा अपने सिर पर लपेटा हुआ है। पूरा विवाद इसी कपड़े को लेकर शुरू हुआ है। इससे पहले स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लग चुके हैं। खबर फैली तो राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने ट्वीट किया था। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने मामले की जांच भी कराई थी। जांच में धर्मांतरण की बात अफवाह साबित हुई।
दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मामले की खबर मिलने के बाद हमने कोतवाली टीआई और कुछ अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई थी। इस पूरे मामले की जांच की। अभिभावकों से बात हुई है। स्कूल प्रबंधन से भी बात की गई है। धर्मांतरण का मामला कहीं सामने नहीं आया। जांच टीम में शामिल दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत का कहना है स्कूल प्रबंधन ने सफाई में कहा कि इस स्कार्फ को हिजाब समझा जा रहा है। यह स्कूल की यूनिफार्म का एक हिस्सा है। स्कूल के सभी बच्चे पहन सकते हैं, लेकिन किसी पर दबाव नहीं है। स्कूल के संचालक मुश्ताक खान ने बताया कि स्कूल में यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है। इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है।