तीसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की बड़ी चुनौती
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 2 मई। पहले दो चरण के चुनाव में मध्यप्रदेश में मतदान प्रतिशत घटने से राजनीतिक दल और चुनाव आयोग भी चिंतित है। सभी अपने-अपने स्तर पर मतदान बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। तीसरे फेज में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग भी एक्शन मोड में आ गया है। तीसरे फेज में शामिल नौ सीटों के सभी 20,456 मतदान केंद्रों पर एक मई को ‘चले बूथ की ओर’ अभियान आयोजित किया गया। अभियान के अंतर्गत हर मतदान केंद्र पर बूथ जागरूकता समूह के सदस्यों, कैम्पस एम्बेसडर, रहवासी कल्याण समिति, चुनावी साक्षरता क्लब, गैर सरकारी संगठन, चुनाव पाठशाला और स्थानीय लोगों के जरिए सघन स्वीप गतिविधियां आयोजित कर लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरुक एवं प्रेरित किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र अनुपम राजन ने चलें बूथ की ओर अभियान को लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों व कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। ऐसे ही 7 मई को चौथे चरण की 8 सीटों के 18 हजार 7 मतदान केंद्रों पर यह अभियान चलाया जाएगा। सीईओ अनुपम राजन ने सोमवार को तीसरे और चौथे चरण में मतदान वाले लोकसभा संसदीय क्षेत्रों से संबंधित कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को वीसी के जरिए निर्देश दिए कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए रणनीति बनाकर विशेष गतिविधियां आयोजित करें, ताकि हर मतदाता को यह याद रहे कि मतदान के दिन उसे वोट करना ही है। सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि मतदाताओं को वोटर पर्ची व वोटर गाइड बांटने के लिए बीएलओ खुद जाएं और यह कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा करें।
सात मई को तीसरे चरण में शामिल भिंड, मुरैना, ग्वालियर, गुना, सागर, राजगढ़, विदिशा, भोपाल और बैतूल लोकसभा क्षेत्र में मतदान होगा। इनमें से भिंड संसदीय क्षेत्र ऐसा है, जहां मतदान कम रहता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भिंड के अंतर्गत आने वाले अटेर विधानसभा में सबसे कम 49.34 प्रतिशत मतदान रहा था। भिंड में भी 49.49 मतदान ही घरों से निकले थे। छह विस क्षेत्रों में 60 प्रतिशत से कम मतदान रहा था तो भांडेर और दतिया सीट ही ऐसी थीं, जहां मतदान 60 प्रतिशत से अधिक रहा था। ग्वालियर लोकसभा की बात करें तो यहां भी 59.78 प्रतिशत मतदान रहा था, जो 2014 की तुलना में 7.05 प्रतिशत अधिक था पर विधान सभावार देखा जाए तो पांच विस में यह 60 प्रतिशत से कम रहा था। मुरैना में भी यही स्थिति थी। यहां की भी पांच विस में मतदान 60 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाया। इसे देखते हुए भाजपा ने पन्ना और अद्र्ध पन्ना प्रभारियों को घर-घर संपर्क करने का दायित्व सौंपा है तो पार्टी आयुष्मान योजना के लिए 70 से अधिक आयु के व्यक्तियों से संकल्प पत्र भरवाने के माध्यम से संपर्क साध रही है।