ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक चार मंत्रियों के टिकट पर संशय के बादल छाए
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 11 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए चार सूचियां जारी कर 136 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। तमाम कयासों को नजर अंदाज करते हुए शिवराज सरकार के 24 मंत्रियों को फिर मैदान में उतारा गया है। अभी जिन नौ मंत्रियों के टिकट का फैसला नहीं हुआ है उनमें चार सिंधिया समर्थक हैं। इन मंत्रियों में महेंद्र सिसोदिया, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया, बृजेंद्र सिंह यादव शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के सूचियों पर सबकी इस कारण ज्यादा लगी है कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों का क्या होता है। अब तक जारी चार सूचियों में सिंधिया समर्थकों को काफी तवज्जो दी गई है, लेकिन चौथी सूची ने सियासी विश्लेषकों के कान खड़े कर दिए हैं। भाजपा मे शिवराज सरकार के जिन 9 मंत्रियों के टिकट अभी भी रोके हैं, उनमें चार सिंधिया समर्थक हैं। बीजेपी ने चौथी लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक पांच मंत्रियों को टिकट दिया है, लेकिन उनके कट्टर समर्थक और बमोरी विधानसभा सीट से विधायक और पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का टिकट घोषित नहीं किया गया है। सिसोदिया ने उपचुनाव 50 हजार से भी ज्यादा वोटों के मार्जिन से जीता था। ऐसे में सबसे ज्यादा कयासों का दौर यही लग रहा है। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और सिंधिया समर्थक राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ का टिकट भी होल्ड पर रखा गया है। बताया जा रहा है कि सर्वे में उनकी भी स्थिति सही नहीं है। ऐसे में बीजेपी की अगली सूची में ही इसकी स्थिति क्लीयर हो सकती है। वहीं एक और मंत्री और भिंड जिले की मेहगांव सीट से विधायक ओपीएस भदौरिया का टिकट भी फिलहाल होल्ड पर है। भदौरिया भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। उनके टिकट पर भी संशय बना हुआ है क्योंकि सर्वे में उनकी स्थिति ठीक नहीं बताई गई। सिंधिया समर्थक एक अन्य मंत्री और मुंगावली से विधायक बृजेंद्र सिंह यादव का टिकट भी फाइनल नहीं हुआ है। बृजेंद्र सिंह यादव के परिवार के दिग्गज नेता रहे देशराज यादव के बेटे भी कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि बीजेपी यहां बृजेंद्र सिंह यादव का टिकट काटकर गुना से बीजेपी सांसद केपी यादव को टिकट दे सकती है। बताया जाता है कि टिकट के मामले में सिंधिया को भी बता दिया गया है और जिन सीटों पर उनके लोगों के टिकट काटे जा रहे हैं, वहा विकल्प उनसे ही पूछा जा रहा है, लेकिन जीत की गारंटी मांगी जा रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदेश की सियासत में नया बवाल मचने की संभावना बढ़ रही है।