जंगल माफिया के खिलाफ मुहिम चलाने वाले आईएफएस अफसर का तबादला
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 18 अप्रैल। भारतीय वन सेवा के 2018 बैच के अधिकारी और बुरहानपुर के डीएफओ अनुपम शर्मा को हटा दिया गया है। उनकी जगह नीमच के विजय सिंह को डीएफओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शर्मा को वन मुख्यालय भोपाल पदस्थ किया गया है। अनुपम शर्मा वह अधिकारी हैं जो जंगल की अवैध कटाई और जंगल की जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ मुहिम चला रहे थे।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर बुरहानपुर जिले में जंगल का बड़ा क्षेत्र है। दो राज्यों की सीमा के कारण यहां जंगस माफिया हमेशा सक्रिय रहता है। युवा आईएफएस शर्मा ने अपनी पोस्टिंग के बाद से माफिया के खिलाफ अभियान छेड़ दिया। इस अभियान के दौरान उन्हें समझ में आया कि किस तरह माफिया को राजनैतिक संरक्षण मिलता है। इसलिए अनुपम ने कलेक्टर एसपी को चिट्ठी लिखकर जंगल माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए मदद मांगी। यह सिलसिला लगातार चल रहा था। उन्हें मन माफिक मदद न तो प्रशासन से मिली और न ही शासन से मिली। इसके बाद भी उन्होने माफिया की नाक में दम कर रखा था। इसी के चलते आखिरकार उनका तबादला कर दिया गया।
अतिक्रमणकारियों को लेकर पहले से ही आरोप लगाए जा रहे थे कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और इस संबंध में निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने भी खुलकर इसी तरह के आरोप लगाए थे। नेपानगर के स्थानीय नागरिकों ने थी कलेक्टर एसपी के सामने यह कहा था कि वह अतिक्रमणकारियों के आतंक के आगे क्यों घुटने टेक रहे हैं।शुरुआत में वन विभाग के अधिकारियों को पुलिस और प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा था जिसको लेकर वन विभाग ने अपनों से भी टक्कर ली और बाद में संयुक्त रूप से कार्रवाई शुरू हो सकी थी। इसके पहले कलेक्टर और एसपी को डीएफओ ने कड़क भाषा में पत्र लिखा था जिसमें अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई के लिए मदद मांगी थी। हाल ही में डीएफओ ने अतिक्रमणकारियों के कब्जे से करोड़ों रुपए की लकड़ी और जमीन को मुक्त कराया था। इसके बाद भी डीएफओ को वहां से हटाकर मुख्यालय में पोस्ट किए जाने से साफ लग रहा है कि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त जंगल माफिया बहुत पावऱफुल है।