छह हजार अफसरों से छिनेंगे वित्तीय अधिकार
भोपाल, 30 मार्च। मध्यप्रदेश सरकार अपने करीब छह हजार अफसरों से वित्तीय अधिकार छीनने जा रही है। प्रदेश में अब सिर्फ क्लास वन अफसरों के पास ही वित्तीय अधिकार होंगे। इसके चलते 6 हजार अफसरों के पास वित्तीय ताकत नहीं रह जाएगी। राज्य सरकार द्वारा एक अप्रैल से लागू होने जा रहे इंटीग्रेटेड फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम के चलते ऐसा होगा।
वित्त मंत्रालय के आला अफसरों के अनुसार प्रदेश में वित्तीय काम अब आन लाइन होंगे। इसके चलते डीडीओ (आहरण एवं वितरण अधिकारियों) की कम जरूरत पडेगी। इसलिए क्लास वन अफसरों को ही डीडीओ के पावर दिए जाएंगे। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में स्कूलों के प्राचार्य हैं। अभी प्राचार्यों के पास वित्तीय अधिकार थे। वे चेकों पर साइन करने के लिए भी अधिकृत थे। लेकिन नई व्यवस्था में यह काम डीईओ स्तर के अधिकारियों के पास ही रह जाएगा। इसी तरह अन्य विभागों में भी कई अधिकारियों के पास वित्तीय अधिकार नहीं रह जाएंगे। वित्त विभाग के अफसरों का कहना है कि मैनुअल बिलिंग की व्यवस्था के चलते कई दफ्तरों में तीन-चार डीडीओ रखने पड़ते थे। नई व्यवस्था में सारा काम कंप्यूटराइज्ड और आनलाइन होने के कारण एक ही अधिकारी से काम चल जाएगा। वित्त मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि नई व्यवस्था प्रदेश की वित्तीय व्यवस्था में ज्यादा पारदिर्शता लाएगी। इससे काम में तेजी भी आएगी। उन्होंने कहा कि जहां जरूरत होगी, वहां किसी भी अधिकारी को डीडीओ का प्रभार दिया जा सकता है। इसमें ऐसी कोई बंदिश नहीं है कि किसी खास श्रेणी के अफसरों को ही यह प्रभार मिलेगा। लेकिन जहां सीनियर पद पर क्लास वन के अधिकारी तैनात हैं, वहां अब डीडीओ का काम उनके पास ही रहेगा। इसके कारण पहले से डीडीओ का काम कर रहे कई अफसरों के हाथ से वित्तीय अधिकार छिन जाएंगे।