छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन, तीन दिन का रााजकीय शोक

May 29, 2020

 खरी खरी संवाददाता

रायपुर, 29 मई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्‍यमंत्री अजीत जोगी  का शुक्रवार को रायपुर के श्रीनारायणा अस्‍पताल में निधन हो गया। अजीत जोगी दिल के दौरे के बाद यहां भर्ती हुए थे। जोगी लंबे समय से अस्‍पताल में भर्ती थे। बताया जाता है कि उन्‍हें तकरीबन 19 दिनों के अंदर तीसरी बार दिल का दौरा पडा था। ये जानकारी उनके बेटे अमित जोगी  ने एक ट्वीट करके दी। अमित जोगी ने ट्विटर में लिखा कि बीस वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है। माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर, ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया।

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने जोगी के निधन पर राज्य में आज से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और इस दौरान कोई भी शासकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे। स्वर्गीय श्री जोगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कल 30 मई को गौरेला में होगा।

अजीत जोगी का परिचय

नाम- अजीत प्रमोद कुमार जोगी,

जन्म तिथि- 29 अप्रैल 1946,

जन्म स्थान- बिलासपुर छत्तीसगढ़,

इतिहास- साधारण परिवार में जन्मे अजीत जोगी बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, पढ़ाई-लिखाई में अव्वल जोगी को गुदड़ी का लाल भी कहा जाता था,

* 1968 में उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। कॉलेज के दिनों में जोगी अपने विभाग में छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने जा चुके हैं।

* 1967 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर (छत्तीसगढ़) में एक व्याख्याता (1967-68) के रूप में भी काम किया।

* 1974 में अजीत जोगी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए।

* 1974 से 1986 तक मध्य प्रदेश के सिधी, शाहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में 12 वर्षों से जोगी जी ने सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट का रिकॉर्ड स्थापित किया।

* राजनीतिक घटनाक्रम

1986 में अजीत जोगी ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य बनकर राजनीतिक कॅरियर की शुरूआत की। इसके बाद कांग्रेस ने इन्हें राज्यसभा में नामित किया।

* 1987 में अजीत जोगी को जनरल-सेक्रेटरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, मध्य प्रदेश के रूप में भी नियुक्त किया गया था। इतना ही नहीं इसके अलावा इन्हें लोक उपक्रमों की समिति, उद्योग समिति, रेलवे, अध्यक्ष, राज्य अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जनजाति (मध्य प्रदेश) समिति का हिस्सा बनाया गया।

* 1989 में मणीपुर राज्य के लोकसभा चुनावों के दौरान जोगी को कांग्रेस ने केंद्रीय पर्यवेक्षक का काम सौपा। जोगी ने मध्यप्रदेश के 1500 किमी के जनजातियों वाले इलाके में काम कर उनके बीच जनजागृति फैलाई और उन्हें कांग्रेस पार्टी के समर्थन में जूटा लिया।

* 1995 में जोगी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति और पर्यावरण व वन पर बनी कमेटी के अध्यक्ष का भी भार सौंपा गया।

* 1995 सिक्किम विधानसभा चुनावों के दौरान जोगी ने कांग्रेस पार्टी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में काम किया।

* 1996 में कोर समूह और संसदीय चुनाव (लोकसभा) के बाद में जोगी संसद में कार्यकारी समिति के सदस्य बन गए।

* 1997 में इन्हें दिल्ली राज्य कांग्रेस कमेटी चुनावों के पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया था। इसके अलावा परिवहन और पर्यटन समिति, ग्रामीण व शहरी विकास सदस्य समिति, परामर्श समिति, कोयला मंत्रालय, लोक लेखा समिति, अप्रत्यक्ष कर पर ऊर्जा, संयोजक, उप-समिति के सलाहकार समिति का सदस्य चुना गया। इतना ही नही जोगी राज्य सभा के उपाध्यक्ष के पैनल में सदस्य भी बन चुके है। इसी बीच उन्होंने 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल के साथ-साथ एआईसीसी के मुख्य प्रवक्ता के रूप में काम किया।

* 1998 में जोगी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 12 वीं लोक सभा के लिए चुने जा चुके है।

* 1999 में इन्होंने छत्तीसगढ़ के अलग राज्य के लिए जागरूकता फैलाने के लिए दंतेवाड़ा के मां दांतेश्वरी मंदिर से अंबिकापुर के महामाया मंदिर तक जात्रा का नेतृत्व किया।

* नवंबर 2000 को नवीन्तम राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने शपथ ली थी। इन्होंने 2003 में छत्तीसगढ़ में विकास यात्रा का भी नेतृत्व किया।

* 2004 में 14 वीं लोकसभा में महासामुंड, छत्तीसगढ़ के लिए सांसद के रूप में चुने गए।

* 2008 में छत्तीसगढ़ की विधान सभा के सदस्य के रूप में जोगी चुने गए, यह मारवाही निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे।

* 2009 में लोकसभा चुनावों में चुने जाने के बाद जोगी ने लोकसभा सदस्य छत्तीसगढ़ के महासमुंद निर्वाचन क्षेत्र के रूप में काम किया।

* 2014 में महासमुंद लोकसभा चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखने में असफल रहे और बीजेपी के चंदू लाल साहू से 133 मतों से हार गए।

* जून 2016 में, अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस नामक एक नए राजनीतिक संगठन की स्थापना की।

* 2018 में अजीत जोगी ने घोषणा की वह राजनंदगांव और मारवाही सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसका मतलब है कि वह सीधे डॉ. रमन सिंह को चुनौती देंगे मगर वे मरवाही से चुनाव लड़े और निर्वाचित हो कर विधानसभा के सदस्य बने,