गोपाल भार्गव की हैसियत गिराने की कोशिश

Jul 13, 2016

भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव जैसे कद्दावर नेता को सरकार के अफसरों से पंगा लेना महंगा पड़ता लग रहा है। सरकार में बैठे लोग इस दंबग नेता की हैसियत को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। हाल ही में गाड़ी के मुद्दे पर भी उनके साथ कुछ इसी तरह का व्यवहार किया गया। कई बार शिकायत के बाद भी गोपाल भार्गव को आवंटित सफारी गाड़ी नहीं बदली गई। एक दिन उनकी खटारा गाड़ी ने मंत्रालय के पास ही धोखा दे दिया। सहकारिता विभाग छीने जाने से पहले से ही खफा भार्गव ने सारा गुस्सा गाड़ी के मुद्दे पर निकाल दिया। वे मंत्रालय से गुस्से में आटो में बैठकर अपने बंगले चले गए। यहां तक कि सुरक्षा गार्ड और स्टाफ को भी वहीं छोड़ गए। भार्गव जैसे कद्दावर नेता और वरिष्ठ मंत्री का यह व्यवहार मीडिया की सुर्खियां बन गया। लेकिन भार्गव की हैसियत गिराने की कवायद में जुटे कुछ अफसरों पर इसका भी कोई असर नहीं पड़ा। गोपाल भार्गव को वही गाड़ी ठीक करके वापस कर दी गई। उन्हें लिखित में बता दिया गया कि गाड़ी पूरी तरह ठीक है और अब कोई समस्या नहीं है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि भार्गव से प्रामिश किया गया है कि बहुत जल्द नई गाड़ियां आने वाली है, तब उन्हें नई गाड़ी दे दी जाएगी। बात बहुत छोटी है लेकिन भार्गव जैसे नेता को बहुत चुभने वाली है, क्योंकि एक तरफ तो उन्हें शिकवे शिकायत के बाद भी पुरानी गाड़ी ही दी गई, वहीं नए- नए मंत्री बने विश्वास सारंग और अर्चना चिटनीस को नई गाड़ियां दे दी गई। दोनों ने पुरानी गाड़ी लेने से इंकार कर दिया था। शिवराज कैबिनेट में 9 नए मंत्रियों की एंट्री हुई है, लेकिन नई गाड़ी सिर्फ दो को ही मिली। इससे साफ दिख रहा है कि किसी हैसियत बढ़ाने की कोशिश हो रही है और किसी की हैसियत गिराने की कोशिश हो रही है। यह किसके इशारे पर हो रहा है, यह तो गोपाल भार्गव या उन्हें परेशान करने वाली नौकरशाही ही बता सकती है।

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