कुएं से बाल्टियों में भर भर कर निकाली जाती है खीर
ग्वालियर। धार्मिक आयोजनों के भँडारे में श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था आम तौर पर सभी आयोजनों में होती है, लेकिन ग्वालियर शहर से तीस किलोमीटर दूर पटिया वाले बाबा के मंदिर में हो रहे भंडारे का नजारा थोड़ा हटकर है। यहां भंडारे के लिए मालपुए और खीर की इतनी अधिक मात्रा बनाई जाती है कि 6 फिट गहरे गड्ढे खोदकर उसमें खीर रखनी पड़ती है। उसमें खीर निकालने के लिए बाल्टी का इस्तेमाल ठीक उसी तरह से किया जाता है, जिस तरह से कुएं से पानी निकाला जाता है। मालपुए रखने के लिए तीन स्क्वायर फीट का पूरा कमरा खाली किया गया है।
ग्वालियर से करीब तीस किमी दूर पटिया वाले बाबा के मंदिर में चल रहे सीता राम मिलन समारोह में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन यह व्यवस्था की जाती है। समारोह करीब एक हफ्ते चलेगा। इस मंदिर को करह धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह आयोजन पटिया वाले बाबा यानि राम रतन महाराज की 60वीं बरसी के मौके पर किया जा रहा है। इस महाभोज को बनाने के लिए 150 लोगों की टीम रोजाना 12 घंटे काम कर रही है। सिर्फ मालपुए बनाने के लिए उत्तरप्रदेश से 90 लोगों की टीम बुलाई गई है। रोजाना खाना परोसने की जिम्मेदारी 400 युवाओं की टीम की है। मालपुए बनाने के लिए विशालकाय परातों का उपयोग किया जा रहा है। इस बार समारोहमें 151 टन से अधिक मालपुए और खीर का भोजन प्रसाद वितरित किया जाएगा। पूरे समारोह में करीब 10 लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद आय़ोजकों को है।