कांग्रेस प्रत्याशियों की दो टूक- कमजोर संगठन के कारण चुनाव में हुई करारी हार
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 6 जुलाई। मध्यप्रदेश में विधानसभा और लोकसभा दोनों ही चुनावों में करारी पराजय झेलने वाली कांग्रेस अब दोनों ही चुनावों के प्रत्याशियों के साथ हार के कारणों पर मंथन कर रही है। पराजित प्रत्याशियों वे हार के लिए कमजोर संगठन को सबसे बड़ा कारण बताया है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित दो दिवसीय मंथन में प्रदेश प्रभारी व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संभागवार बैठक कर एक-एक प्रत्याशी से उनकी प्रतिक्रिया ली। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पराजित प्रत्याशियों ने एक बार फिर हार के लिए कमजोर संगठन, रणनीति, प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने और भितरघात को बड़ा कारण बताया है। अधिकतर प्रत्याशियों ने कहा कि वह या उनका संगठन जनता तक नहीं पहुंच पाया। राष्ट्रीय महासचिव ने 2028 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति के साथ जुटने के लिए सभी को कहा है। तीनों पदाधिकारियों ने प्रत्याशियों से यह भी पूछा कि लगभग छह माह के अंतर में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिले मतों में बड़ा अंतर कैसे आ गया।
दरअसल, विधानसभा चुनावी में बड़ी हार के बाद लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदेश से सफाए ने राष्ट्रीय नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में हर जगह अच्छे प्रदर्शन के बाद प्रदेश में खाता नहीं खोल पाने की वजह पार्टी खोज रही है। इसके लिए जून में तीन सदस्यीय फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने भी लोकसभा चुनाव में हार के कारण जानने के लिए बैठक की थी। दोनों चुनाव में हार के ठोस कारण जानने के बाद अगले चुनावों के लिए पार्टी रणनीति बनाएगी। रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में ही प्रदेश चुनाव समिति, राजनीतिक मामलों की समिति एवं वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक होगी। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और सरकार की वादाखिलाफी को बताएंगे।