एमपी में रेरा चेयरमैन के खिलाफ ईओडबल्यू में केस दर्ज

Aug 28, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 28 अगस्त। मध्यप्रदेश रियल स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा के चेयरमैन और सीनियर आईएएस अफसर एपी श्रीवास्तव के खिलाफ पद के दुरुपयोग और अनियमितताओं को लेकर मप्र सरकार के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने प्राथमिकी दर्ज की है। तीन दिन पहले एक एक्टिविस्ट प्रभाष जेटली की शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने यह कार्रवाई की है।

प्रभाष जेटली ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि रेरा चेयरमैन ने रेरा में संविदा नियुक्तियों में जमकर अनियमितताएं की हैं। साथ ही एक बिल्डर के प्रोजेक्ट में निजी लाभ के लिए अड़ंगा लगाने और बिल्डर पर दबाव बनाने का आरोप भी शिकायत में लगाया गया है। मप्र कैडर के 1984 बैच के आइएएस अधिकारी एपी श्रीवास्तव को एंटोनी डिसा के त्याग पत्र देने के बाद वर्ष 2021 में रेरा का चेयरमैन नियुक्ति किया गया था। उन पर कई प्रोजेक्ट जानबूझकर लटकाने के आरोप हैं। बताया जा रहा है कि भोपाल में आकृति डेवलिंक्स में उनका रहवासी प्लाट है। इस प्लाट को लेकर बिल्डर से कुछ विवाद के चलते रेरा चेयरमैन ने आकृति के 12 प्रोजेक्ट रोक दिए हैं। नियमानुसार रेरा चेयरमैन उस प्रोजेक्ट की कोई सुनवाई नहीं कर सकते हैं जिसमें उनका खुद का प्लाट या मकान है। इसके बाद भी एपी श्रीवास्तव ने आकृति डेवलिंक्स से जुड़ी शिकायतों पर न सिर्फ सुनवाई की बल्कि उसके कई प्रोजेक्टस को जानबूझकर अटका दिया। उन पर प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे सरकारी प्रोजेक्ट्स को भी अटकाने के आरोप हैं। शिकायत में कहा गया है कि रेरा में अपनी पदस्थापना के दौरान एपी श्रीवास्तव ने बिना अधिकार कई नियुक्तियां की हैं। नियुक्तियों का अधिकार शासन के पास होने के बाद भी उनके द्वारा संविदा आधार पर कई नियुक्तियां की गईं। इसमें भी शासन के नियमों का खुला उल्लंघन किया गया। संविदा नियुक्ति के लिए शासन ने अधिकतम आयु 65 वर्ष तय की है लेकिन रेरा चेयरमैन ने 65 साल से अधिक उम्र वालों को भी संविदा पर नियुक्ति दे दी। रेरा में न्याय निर्णय अधिकारी के दो पदों को भरने के लिए अलग-अलग प्रक्रिया अपनाई गई। एक पद के लिए रेरा ने विज्ञापन निकाला, जबकि दूसरे पद के लिए तीन नामों का पैनल बनाकर शासन को भेजा। शासन ने पैनल में से एक उम्मीदवार के नाम पर सहमति दे दी। रेरा ने दूसरा पद , विज्ञापन के जरिए भर लिया। सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू के अतिरिक्त शासन के पास भी एपी श्रीवास्तव के विरुद्ध चार शिकायतें पहुंची हैं। रेरा अधिनियम और सेवा शर्तों के मुताबिक रेरा चेयरमैन को सरकार सीधे नही हटा सकती है। इसलिए सरकार ने पूरा मामला हाईकोर्ट को भेजा है।  

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