एमपी में पालीथीन बैन करने की तैयारी जोरों पर
(खरी खरी संवाददाता)
भोपाल, 12 अप्रैल। मध्यप्रदेश शासन ने प्रदेश में एक मई से पालीथीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कैबिनेट के फैसले पर अमल के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया है। सरकार इसके लिए अध्यादेश लाने की तैयारी में लग गई है।
कैबिनेट ने इसी मंगलवार को हुई बैठक में पालीथीन पर बैन का फैसला लेते हुए इसे एक मई से लागू करने का निर्णय़ लिया है इसलिए अध्यादेश में संशोधन के लिए तेजी से काम शुरू हुआ है। यह माना जा रहा है कि 11 मई को नर्मदा सेवा यात्रा के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजदूगी में मुख्यमंत्री इस बात का ऐलान कर सकती है कि प्रदेश में पालीथीन के कैरी बैग पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसलिए शासन स्तर पर कार्रवाई तेजी से हो रही है। इसके लिए अध्यादेश में संशोधन के जो प्रावधान तैयार किए जा रहे हैं उसमें कहा गया है कि सिर्फ उन्हीं पॉलीथिन को मंजूरी होगी जो पैकेजिंग के आवश्यक भाग के रूप में निर्मित होती है। यानी जिनमें पैक्ड आयटम होते हैं। जिसमें सामग्री को उपयोग से पूर्व सीलबंद किया जाता है। इसके अलावा प्लास्टिक से बने उत्पाद (कुर्सी, टेबल, आलमारी या घरेलू चीजों) को छूट मिलेगी। कैबिनेट ने अपनी बैठक में पॉलीथिन के उपयोग से जुड़े मप्र जैव अनाशय अपशिष्ट (नियंत्रण) संशोधन अध्यादेश 2012 को मंजूरी दे दी। इससे पहले 2004 में इस अध्यादेश में संशोधन हुआ था। राज्य सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि सीलबंद पैकेज पॉलीथिन का एक बार उपयोग होने के बाद उसे री-साइकिल नहीं किया जा सकेगा। यहां बता दें कि 23 दिसंबर 2014 को मुख्य सचिव की वरिष्ठ सचिव समिति ने इसे मंजूरी दे दी थी कि चाहे किसी भी माइक्रोन का पॉलीथिन कैरी बैग होगा, वह प्रतिबंधित रहेगा। तीन माह पहले 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पॉलीथिन बैन करने की घोषणा की थी। सीएम की घोषणा से पहले 22 स्थानों पर संगोष्ठी, विचार-विमर्श और जनसंवाद करके आम लोगों की राय ली गई थी। सरकार इस फैसले को बहुत जल्दी लागू करने के लिए हर संभव कमद उठाने जा रही है। शासन जिस गति के साथ तैयारी में जुटा है, उसे देखते हुए लग रहा है कि एक सप्ताह के अंदर अध्यादेश में संशोधन जारी हो जाएगा।