एमपी में कम हो जाएंगी बीजेपी की लोकसभा सीटें
खरी खरी संवाददाता
भोपाल। लोकसभा चुनाव में इस बार मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने की तैयारी में लगी भाजपा को हाल ही में हुए एक सर्वे से झटका लगा है। सी वोटर की ओर से किए गए इस सर्वे में भाजपा की सीटें कम होने का दावा किया गया है। भाजपा के पास अभी 29 में 27 सीटें हैं। सिर्फ छिंदवाड़ा और गुना सीट पर ही कांग्रेस का कब्जा है। भाजपा इस बार इन दोनों सीटों को भी हथियाने की तैयारी में जुटी है। इसलिए इस सर्वे ने मध्यप्रदेश में सियासी हलचल मचा दी है।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कुछ महीने पहले अपने मध्यप्रदेश के संगठनात्मक टूर के समय पार्टी के नेताओं को लोकसभा की सभी 29 सीटें जीतने का टारगेट दे गए थे। अभी 27 सीटों पर काबिज भाजपा ने शेष दो सीटों गुना और छिंदवाड़ा को भी जीतने की रणनीति बनाकर काम भी शुरू कर दिया। गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और छिंदवाड़ा में कमलनाथ को हराने के लिए पार्टी अभी से तैयारी में जुट गई है। उसे उम्मीद है कि पहले से वह जिन 27 सीटों पर काबिज है, उन पर उसका कब्जा बना रहेगा। लेकिन इस बीच आए चुनावी सर्वे ने यह संभावना जाहिर कर हलचल मचा दी है कि इस बार प्रदेश में भाजपा को 6 सीटों का नुकसान होने जा रहा है। वह 27 की बजाय सिर्फ 23 सीटों पर सिमट जाएगी। भाजपा इस प्रोजेक्शन के दावों पर भरोसा नहीं कर रही है। उसका दावा है कि उसका अपना सर्वे हुआ है और उसमें वह सभी 29 सीटें जीतने जा रही है। वहीं इस बार अपनी सीटें बढ़ाने की हर संभव कोशिश में जुटी कांग्रेस इस सर्वे पर पूरी तरह भरोसा कर रही है। पार्टी का दावा है कि कांग्रेस इस बार इससे भी अच्छी स्थिति में होगी। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा इस विधानसभा के चुनाव में सत्ता से बाहर हो जाएगी और उसके बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में भी उसे जनता सबक सिखाएगी। कांग्रेस को सर्वे के प्रोजेक्शन से ज्यादा सीटें मिलने का भरोसा है। विधानसभा चुनाव में अब की 200 पार का टारगेट लेकर काम में जुटी भाजपा को लोकसभा में भी सीटें बढ़ने का बेहद भरोसा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर अन्य सभी नेताओं को लग रहा कि अगर कमलनाथ या सिंधिया में से किसी एक को अथवा दोनों को पार्टी पराजित करने में सफल हो जाती है तो उसकी बड़ी जीत होगी। ऐसे में कुछ सीटें कम भी हो जाएं तो पार्टी को खास गम नहीं होगा। इसलिए भाजपा के सारे नेता लोकसभा की 29 सीटें जीतने के बजाए गुना और छिंदवाड़ा जीतने पर ज्यादा जो दे रहे हैं। ऐसे में यह चुनावी सर्वे भाजपा को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर सकता है।