एमपी में एक और पुलिस अफसर कोरोना से जंग में हुआ शहीद
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 21 अप्रैल। मध्यप्रदेश में एक और पुलिस अधिकारी की कोरोना से लड़ाई के दौरान मौत हो गई है। 59 साल के थाना प्रभारी यशवंत पाल का इंदौर में निधन हो गया है। उनका इलाज इंदौर में चल रहा था। पाल उज्जैन जिले के नीलगंगा इलाके के थाना प्रभारी थे। 27 मार्च को उनके थाना क्षेत्र की अंबर कॉलोनी में संतोष वर्मा नामक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद वो खुद कंटेंटमेंट क्षेत्र के आसपास की व्यवस्था देख रहे थे। यहीं पर वो कोरोना के संक्रमण में आ गए और उनकी हालत बिगड़ती चली गई।
इंदौर के अरविंदो अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर विनोद भंडारी के अनुसार थाना प्रभारी यशवंत पाल का दुखद निधन मंगलवार सुबह 5:10 बजे हुआ। उन्हें आज से 10 दिन पहले गंभीर स्थिति में यहां लाया गया था। उस समय उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ थी। उनका ऑक्सीजन रेशियो भी 60 प्रतिशत था। निरंतर इलाज के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं आया। उन्हें 48 घंटे वेंटिलेटर पर रखा गया क्योंकि उनका एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रक्ट सिंड्रोम काफी सीवियर था। हर संभव प्रयास के बाद भी हम उन्हें बचा नहीं पाए। अरविंदो अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर विनोद भंडारी ने बताया कि पिछले 12 दिनों से पाल उनके अस्पताल में भर्ती थे। वे जब से आए थे तभी से उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। उनकी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव ही रही। जिसके बाद मंगलवार सुबह 5:10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन नीलगंगा के थाना प्रभारी श्री यशवंत पाल जी के कोरोना से लड़ाई के दौरान हुए निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'दु:ख की इस घड़ी में दिवंगत यशवंत पाल जी के परिवार के साथ मैं व पूरा प्रदेश खड़ा है। शोकाकुल परिवार को राज्य शासन की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपये, असाधारण पेंशन, बेटी फाल्गुनी को उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति व स्वर्गीय पाल को मरणोपरांत कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जाएगा।'
छह अप्रैल को दो मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसमें नीलगंगा के टीआई यशवंत पाल और एक दिन पहले जान गंवाने वाली भार्गव मार्ग निवासी 65 वर्षीय महिला शामिल थी। पाल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क में रहने वाले 12 पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए माधवनगर अस्पताल भेजा गया था। वह एक महीने से सर्दी और बुखार से पीड़ित थे संभवत: इसी वजह से वह वायरस के संक्रमण में आ गए। उनके कोरोना संक्रमित होने के बाद पत्नी और दोनों बेटियों को क्वारंटाइन (एकांतवास) कर दिया गया है। वे 15 दिनों से एकांतवास में हैं लेकिन अभी तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है।इससे पहले रविवार को कोरोना की वजह से जूनी थाना प्रभारी 45 साल के इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी की मौत हो गई थी। इंस्पेक्टर चंद्रवंशी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका पिछले 10 दिनों से अरविंदों अस्पताल में इलाज चल रहा था। हालांकि शनिवार देर रात तीन बजे इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था।