एमपी पीएससी के बाइबा रोकने से सरकार का साफ इंकार, लेकिन माना कि पेपर लीक हुए थे

Jul 28, 2016

भोपाल। मध्यप्रदेश  विधानसभा में जमकर हुए हंगामे के बाद सरकार ने यह तो मान लिया कि राज्य लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) की परीक्षा में गड़बड़ियां हुई थीं। सरकार ने यह  माना कि कुछ लोगों ने पेपर भी लीक कर दिए थे। लेकिन सरकार ने इन परीक्षाओं के बाइबा रोकने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हो रहा है, इसलिए सरकार इसमें कोई रोक नहीं लगा सकती है।

विधानसभा में गुरुवार को PSC पेपर लीक मामले में जमकर हंगामा हुआ। मंत्री लालसिंह आर्य ने माना कि PSC 2012 के प्रारम्भिक व मुख्य परीक्षा के पेपर हुए थे। इस मामले में अब तक 23 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। कांग्रेस विधायक महेन्द्र सिह कालूखेड़ा और रामनिवास रावत ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से यह मामला उठाते हुए सवाल किया कि पेपर लीक होने के प्रमाण के बाद भी परीक्षा निरस्त क्यों नहीं की? इस पर आर्य ने दलील दी कि परीक्षा हो चुकी थी, इसलिए निरस्त नहीं की गई। यह जवाब सुनते ही कांग्रेस हंगामे पर उतर आई।
-मध्यप्रदेश विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस सदस्यों ने निलंबित आइएएस अधिकारी शशि कर्णावत के इच्छामृत्यु मांगने का मामला उठाया। कर्णावत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजकर इच्छामृत्यु मांगी है। प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने उन्हें प्रश्नकाल चलने देने की बात कहते हुए अनुमति नहीं दी। इसके बाद तिवारी ने शून्यकाल के दौरान एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया।

-शून्यकाल में ही कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने भोपाल नगर निगम में २५ और ९० दिन के लिए दैनिक वेतन भोगियों की नियुक्ति किए जाने का मामला रखा। उन्होंने इन कर्मचारियों को स्थाई किए जाने की मांग की।

-कांग्रेस की महिला विधायक हिना लिखीराम कांवरे ने अपने विधानसभा क्षेत्र लांजी के टिमनी में पांच जून को उत्तर प्रदेश और बिहार के दो युवकों को जिंदा जलाने का मुद्दा उठाते हुए मामले में ध्यानाकर्षण लगाए जाने की बात कही।

-कांवरे ने सदन के बाहर बताया कि ग्रामीणों ने एक शराब दुकान पर सेल्समैन के तौर पर काम करने वाले दोनों युवकों को जिंदा जला दिया। दोनों पर तय दामों से ज्यादा पर शराब बेचने का आरोप था, इसके चलते ग्रामीणों ने ये कदम उठाया। मामले में पुलिस ने कई लोगों की गिरफ्तारियां कीं, लेकिन कई अब भी फरार हैं।

-पार्टी के ही एक और विधायक गिरीश भंडारी ने शून्यकाल में गायों की दुर्दशा का मामला उठाते हुए कहा कि ग्रामीण अपनी गायों को छोड़ देते हैं, ऐसे में वे कई बार रात में हादसों का शिकार हो जाती हैं। उन्होंने मांग की कि ग्राम पंचायतों में मनरेगा से पशु शेड बनवाए जाएं, ताकि गायों को वहां आसरा मिल सके।
कांग्रेस विधायक ने प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों की कार्यपरिषद् में विधायकों को भी नामांकित कराने की मांग उठाई। विधायक की इस मांग पर उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने इस सुझाव पर परीक्षण और विचार कराने की बात कही। प्रश्नकाल के दौरान विधायक शैलेंद्र पटेल ने शुल्क निर्धारित करने वाले विनियामक आयोग के बारे में सरकार से जानकारी मांगी। साथ ही उन्होंने अपने जिले सीहोर में संचालित एक निजी विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क के बारे में भी पूछा। मंत्री पवैया ने बताया कि विनियामक आयोग वैधानिक तरीके से गठित निकाय है, जो निजी विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण रखने के साथ समय-समय पर शुल्क समीक्षा का भी कार्य करता है। इसके बाद श्री पटेल ने कहा कि शासकीय विश्वविद्यालयों की तर्ज पर निजी में भी विधायकों का नामांकन किया जाए, जिस पर पवैया ने कहा कि इस पर विचार होगा।
 

Category: