एमपी की सत्ता के लिए लहार में एक हुए कांग्रेसी
खरी खऱी संवाददाता
भिंड, 10 जुलाई। मप्र की सत्ता में वापसी के लिए हर जतन करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस के सारे बड़े नेता सिंधिया के गढ़ और दिग्विजय समर्थक नेता के विधानसभा क्षेत्र में एक मंच पर नजर आए। किसानों के मुद्दे पर एक हुए कांग्रेस के नेताओं ने शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट हो जाने का संकल्प लिया।
मध्यप्रदेश से बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस की कोशिशों को मंदसौर में 6 किसानों की मौत ने नई ताकत दे दी है। मंदसौर में पुलिस की गोली से 6 किसानों की मौत के बाद सक्रिय हुई कांग्रेस के नेताओं ने पहले भोपाल में सत्याग्रह किया और फिर खलघाट में महापंचायत के बहाने अपनी ताकत और एकजुटता दिखाई। उसी कड़ी में अब भिंड जिले के लहार में किसान सम्मेलन के बहाने सभी दिग्गज एक मंच पर आए। ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ और दिग्विजय सिंह समर्थक विधायक डा गोविंद सिंह के विधानसभा क्षेत्र में हुए इस आयोजन में सभी बड़े नेताओं ने आपसी तालमेल का प्रदर्शन किया। दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और सिंधिया तो ग्वालियर से लहार तक एक ही कार में बैठकर गए। ग्वालियर से लहार के रास्ते में तीनों नेताओं का कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धड़ेबाजी से दूर रह कर स्वागत किया। सिंधिया कार रोककर सभी से उनके साथ लहार आने का आग्रह करते हुए आगे बढ़े। ग्वालियर से करीब 400 से ज्यादा वाहनों में सवार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का काफिला लहार रवाना हुआ। सम्मेलन में सबसे पहले मंदसौर किसान आंदोलन में मृत किसानों की तस्वीरों पर माल्यार्पण के साथ श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सिंधिया के राजपुरोहित ने स्वस्तिवाचन के साथ सम्मेलन का आगाज किया। शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए आयोजित इस किसान युवा क्रांति सम्मेलन का आव्हान पुरोहित ने शंखनाद के साथ किया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की एकता जाहिर करते हुए कहा कि मंच पर मौजूद कोई भी व्यक्ति कांग्रेस की ओर से प्रदेश का सीएम बन सकता है, मुझे, राजबब्बर और मोहन प्रकाश को छोड़कर। आयोजन में पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री मोहन प्रकाश, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर सहित हजारों की संख्या में कांग्रेसी मौजूद रहे।
मंदसौर किसान आंदोलन के बाद कांग्रेस ने जिस एकजुटता और सक्रियता का प्रदर्शन किया उसकी बानगी लहार में भी देखने को मिली।