क्लीनेस्ट सिटी इंदौर ने एक दिन में सर्वाधिक पौधरोपण का बनाया वर्ल्ड रिकार्ड
खरी खरी संवाददाता
इंदौर, 14 जुलाई। देश के स्वछ्तम शहर और मध्यप्रदेश की वित्तीय राजधानी इंदौर में रविवार को नया इतिहास लिखा गया। बारह घंटे में सबसे अधिक पौधरोपण का विश्व रिकार्ड इंदौर के नाम दर्ज हो गया। मप्र के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव तथा मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित तमाम विशिष्टजनों और हजारों पर्यावरण प्रेमियों की मौजूदगी में गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने विश्व रिकार्ड का प्रमाणपत्र सौंपा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ महाअभियान के तहत हुए इस पौधरोपण कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान पर चलाए जा रहे ‘एक पेड़ मां के नाम’ महाअभियान के तहत इंदौर में रविवार को दिन भर (बारह घंटे) में 11 लाख पौधे रोपने का संकल्प लिया गया था। इसके लिए इंदौर की रेवती रेंज पहाड़ियों पर सुबह 7 बजे से पौधरोपण का सिलसिला शुरू हुआ। दोपहर में इस अभियान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मप्र के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव तथा नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए। सभी अति विशिष्टजनों ने अपनी मां के नाम पर पौधरोपण किया। पौधरोपण का टारगेट शाम 7 बजे तक पूरा होना था लेकिन पर्यावरण प्रेमियों के उत्साह ने इसे साढ़े नौ घंटे में ही पूरा कर लिया। शाम साढ़े चार बजे तक ही पौधरोपण का आंकड़ा 12 लाख को पार कर गया। उसके बाद भी पौधरोपण का सिलसिला शाम सात बजे तक चला। इसके साथ ही इंदौर ने एक दिन में 9 लाख 26 हजार पौधे रोपने का असम का रिकार्ड तोड़ दिया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम के 300 से अधिक सदस्य पौधारोपण स्थलों पर मौजूद रहे और डिजिटल रिकॉर्ड बनाते रहे। देर शाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव को इंदौर की इस उपलब्धि का प्रमाण पत्र प्रदान किया। प्रमाण पत्र मिलते ही गाने बजने लगे और मंच पर मौजूद विशिष्टजनों सहित पूरा हुजूम झूम उठा।
पौधारोपण करने पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो पौधे रोपे गए हैं, उन्हें बच्चे की तरह बड़ा करना होगा। यही पौधे पेड़ बनकर मां की तरह आपका ध्यान रखेंगे। शाह ने कहा, इंदौर स्वच्छता, स्वाद, सुशासन और सहयोग के लिए तो पहचाना जाता ही है, आज से यह शहर एक पेड़ मां के नाम अभियान में सहभागिता के लिए भी पहचाना जाएगा। इंदौर मेट्रो सिटी, क्लीन सिटी, शिक्षा हब तो पहले से ही है, अब यह ग्रीन सिटी के नाम से भी पहचाना जाएगा।