आवासहीनों को जमीन देने का कानून बनेगा
बड़वानी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगले बजट सत्र में आवासहीनों को मकान बनाने के लिये जमीन देने का कानून लाया जायेगा। जन-जातीय वर्ग के बच्चों को शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये संभागीय मुख्यालयों पर 1000 सीटर तथा जिला मुख्यालय पर 500 सीटर आधुनिक कन्या शिक्षा परिसर खोले जायेंगे।
बड़वानी में राज्य-स्तरीय जन-जातीय प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों और आदिवासियों का सर्वांगीण विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि लगभग ढाई लाख आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे देकर जमीन का मालिकाना हक दिया गया है। श्री चौहान ने कहा कि जन-जातीय वर्ग में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये भोपाल, इंदौर और जबलपुर में महाविद्यालयीन छात्रावास खोले जायेंगे। प्रतिभाशाली आदिवासी बच्चों को राष्ट्रीय-स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर दिल्ली के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में पढ़ने की नि:शुल्क व्यवस्था की जायेगी और आवास की सुविधा भी उपलब्ध करवायी जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी वर्ग के संविदा शिक्षकों के 7000 पद को भरने के लिये बी.एड. की अर्हता में छूट दी गयी है। अब इन पदों पर गैर-बी.एड. डिग्रीधारक आदिवासी युवक-युवतियों की नियुक्ति की जायेगी और उसके बाद उन्हें बी.एड. का प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये 110 करोड़ की योजना बनायी गयी है, ताकि किसानों को जैविक उत्पादों का सही मूल्य मिल सके। मुख्यमंत्री ने जिन आदिवासियों के दिसम्बर-2000 से पहले के कब्जे हैं और उन्हें वनाधिकार पट्टे नहीं मिले हैं, ऐसे लोगो को चिन्हित कर वनाधिकार पट्टे देने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये।