आरकेडीएफ यूनीवर्सिटी में अब इलेक्ट्रिकल व्हीकल का भी होगा प्रायोगिक प्रशिक्षण
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 18 जुलाई। देश के प्रतिष्ठित शैक्षिक समूहों में शामिल भोपाल के आरकेडीएफ ग्रुप से सम्बद्ध रामकृष्ण धर्मार्थ फॉउंडेशन विश्वविद्यालय में अब इलेक्ट्रिकल व्हीकल का भी प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। विश्वविद्यालय में खुली इलेक्ट्रिकल व्हीकल की उन्नत प्रयोगशाला का उद्घाटन समूह के चेयरमैन डॉ सुनील कपूर तथा कुलाधिपति डॉ साधना कपूर ने किया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ सुनील कपूर ने कहा कि उत्कृष्टता हासिल करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी उसे बरकरार रखना भी है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है कि आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी ने नैक ए प्लस ग्रेड हासिल किया है। इसी तरह आगे भी इस उत्कृष्ट स्तर को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर इससे भी बेहतर आयाम पाने के लिए हम संकल्पित हैं। |समारोह में यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर-रिसर्च डॉ वी के सेठी ने स्वागत भाषण दिया एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने इलेक्ट्रिकल व्हीकल लैब के विषय में विस्तृत जानकारी साझा की|।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय अग्रवाल ने विश्वविद्यालय में होने वाली अनुसंधान एवं शोध गतिविधियों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह इलेक्ट्रिकल व्हीकल लैब विश्वविद्यालय के छात्रों के इंटर्नशिप एवं हैंड्स ओन ट्रेंनिंग के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। छात्रों को रोजगार पाने में भी अत्यंत ही सहायक होगी। आरकेडीएफ विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉक्टर साधना कपूर ने इस शुभ अवसर पर इस इलेक्ट्रिकल व्हीकल लैब से जुड़े सभी प्रोफेसर्स एवं छात्रों की कड़ी मेहनत के लिए उनकी प्रशंसा की एवं उन्हें शुभकामनाएं दी।
इसके पश्चात आरकेडीएफ विश्वविद्यालय एवं आईएसआई इंडिया के मध्य एक मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया गया। एमओयू पर आई एस आई ई इंडिया के सीईओ विनोद गुप्ता एवं आरकेडीएफ विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर एनके लारिया ने हस्ताक्षर किए।
इसके उपरांत विश्वविद्यालय परिसर में आरकेडीएफ समूह के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील कपूर, विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉक्टर साधना कपूर, कुलपति प्रो विजय अग्रवाल, डॉ बी एन सिंह, योगराज सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर सुनील पाटिल एवं डॉ रत्नेश जैन ने वृक्षारोपण किया। विश्वविद्यालय में लक्ष्मी तरु नामक पौधे लगाए गए जो कैंसर रोधी है। इसकी पत्तियों का काढ़ा पीने से कैंसर रोग से बचाव होता है। साथ ही मधुमेह के रोगियों के लिए तथा शरीर में सूजन के लिए भी प्रभाव कारी है।परिसर में इस प्रजाति के 10 पौधे रोपित किए गए। विश्वविद्यालय के और भी सभी अधिकारियों और शिक्षकों द्वारा सघन वृक्षारोपण किया गया जिसमें फलदार वृक्ष लगाए गए।