अमरवाड़ा की वोटिंग से पहले कमलेश शाह बन सकते हैं मोहन कैबिनेट में मंत्री
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 7 जुलाई। सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य प्रतिपक्ष कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव की वोटिंग के पहले बीजेपी बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। अगर सब कुछ रणनीति के मुताबिक हुआ तो अमरवाड़ा से बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।
कमलेश शाह अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस के विधायक थे और लोकसबा चुनाव के दौरान उन्होंने विधायकी और कांग्रेस दोनों को छोड़ दिया था। कमलेश शाह के साथ बीजेपी रामनिवास रावत को भी मंत्री बना सकती है जो लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। श्योपुर जिले से कांग्रेस विधायक रावत बहुत सीनियर लीडर हैं और दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री भी रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से कांग्रेस में हासिए पर हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का साथ छोड़ने वाली विधायक निर्मला सप्रे को भी कैबिनेट में लिए जाने की संभावना जताई जा रही है। अभी रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे का विधायक पद से इस्तीफा नही हुआ है।
मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा विधानसभा में उपचुनाव के लिए 3 दिन बाद मतदान होना है। इससे पहले ही सरकार वहां से प्रत्याशी कमलेश शाह को मंत्री पद की शपथ दिलाने जा रही है। कमलेश के साथ ही रामनिवास रावत भी मंत्री पद की शपथ लेंगे, राजनीतिक गलियारों में रविवार को ऐसी अटकलों ने जोर पकड़ लिया है। इन्हीं अटकलों के बीच रविवार शाम को सीएम मोहन यादव ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात की है। वहीं रविवार को ही दिन में भोपाल में चल रही भाजपा कार्यसमिति की बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार की ओर इशारा मिला था। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रभारी रहे केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह कार्यसमिति की बैठक से पहले रविवार सुबह दिल्ली से अचानक उज्जैन पहुंचे। वहां पर पहले से मौजूद सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ उन्होंने लंबी चर्चा की। इसके बाद वे सीएम के साथ ही उज्जैन से भोपाल की बैठक में पहुंचे।
सियासी गलियारों मे चर्चा गर्म है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट पर हार जीत को निजी तौर पर ले रहे हैं। उनकी छत्रछाया में सियासत सीखने और विधायक बनने वाले कमलेश शाह का उन्हें छोड़कर चले जाना कमलनाथ नहीं पचा पा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा में हार की दर्द उन्हें और बेचैन कर देता है। इसलिए वे किसी भी हाल में अमरवाड़ा से बीजेपी की विदाई करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव और अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित सभी नेता कमलनाथ की सियासी हैसियत को जानते और मानते हैं। इसलिए कमलेश शाह को चुनाव के पहले मंत्री बनाकर बीजेपी अमरवाड़ा के रण में विजय का बड़ा दांव खेलने जा रही है।