अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मैं मरना समझूंगाः शिवराज सिंह चौहान
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 12 दिसंबर। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में सबसे लंबी पारी खेलने शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर, मैं मरना समझूंगा। वह मेरा काम नहीं है इसलिए मैंने कहा था, मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में आखिरी प्रेस कांफ्रेंस में शिवराज सिंह चौहान ने सीएम की रेस के दौरान अपने दिल्ली नहीं जाने के वक्तव्य पर यह स्पष्टीकरण दिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह चौहान जी ने मंगलवार को पहली बार मीडिया से हुई चर्चा में कहा कि भाजपा मेरा मिशन है। मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी। मीडिया से चर्चा में शिवराज जी ने कहा कि दरिद्र नारायण की सेवा का मेरा मिशन चलता रहेगा। मामा का रिश्ता पाया का है। भैया का रिश्ता विश्वास का है, ये रिश्ते मैं टूटने नहीं दूंगा। जनता की सेवा ही मेरे लिये पूजा है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आज जब मैं यहां से विदाई ले रहा हूं, तो मुझे इस बात का संतोष है कि 2023 में फिर भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है और मेरा मन आनंद और संतोष से भरा हुआ है। लाखों कार्यकर्ताओं के परिश्रम से, प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से, उनकी लोकप्रियता के कारण, केंद्र और राज्य की भी कल्याणकारी योजनाओं के कारण किसमे लालड़ी बहनाओं का भी योगदान जबरदस्त है, ये सरकार बनी। मेरे मन में संतोष है कि सरकार, भारी बहुमत वाली सरकार, जिसको 48.55 ℅ वोट मिले, अब तक के सबसे ज्यादा, वो सरकार बनाके मैं जाऊंगा। मुझे इस बात का भी संतोष है कि जब मध्यप्रदेश हमें मिला था विरासत में, तो एक पिछड़ा और बीमारू मध्यप्रदेश मिला था। एक लंबा सफर हमने विकास और प्रगति का तय किया और इन वर्षों में मैंने मुझ में जितनी क्षमता थी, मुझ में जितना सामर्थ्य था, मैंने पूरा झोंककर अपने प्रदेश के लिए और जनता के कल्याण के लिए काम करने की कोशिश की। मैं अपनी क्षमताओं को अनंत नहीं मानता, लेकिन जितनी भी थी मुझ में, मैंने पूरी प्रमाणिकता, पूरी ईमानदारी, पूरे परिश्रम के साथ प्रदेश का विकास और अपने प्राणों से प्यारी जनता का कल्याण हो, इसमें अपने आपको झोंका।