अजय सिंह फिर बने नेता प्रतिपक्ष
भोपाल, 23 फरवरी। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने एक बार फिर अजय सिंह राहुल पर भरोसा जताया है। विधानसभा में आज कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डा गोविंद सिंह ने अजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की जानकारी सदन को दी। खुद अजय सिंह भोपाल में न होने के कारण उस समय विधानसभा में मौजूद नहीं थे। इसके साथ ही काफी समय से कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे बाला बच्चन नेता प्रतिपक्ष बनने की दौड़ से बाहर होकर मायूस दिखाई दिए।
मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश की खांटी राजनेताओं में गिने जाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह राहुल पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। उन्होंने अपने स्वभाव के विपरीत जाकर अच्छा प्रदर्शन किया था। व्यापमं जैसे मुद्दे को लेकर उन्होंने सदन में सरकार को सांसत में डाल दिया था। शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्होंने सारे मुद्दों को सदन के रिकार्ड पर ला दिया था। इसके बावजूद इस बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी ठाकुर वर्ग के अजय सिंह के बजाय ब्राह्मण वर्ग के सत्यदेव कटारे को मिली। कटारे का कार्यकाल तेजी पकड़ता उसके पहले ही वे गंभीर रूप से बीमार हो गए और सरकार उस अंदाज में नहीं घेर पाए जिस अंदाज में राहुल सिंह के कार्यकाल में घेरा गया था। कटारे जब सदन में आने में असमर्थ हो गए तो आदिवासी नेता बाला बच्चन को कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया। सत्यदेव कटारे के निधन के बाद बाला बच्चन नेता प्रतिपक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार थे, लेकिन लगभग एक साल के इंतजार का फल मीठा नहीं रहा और पार्टी ने बच्चन की बजाए अजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष बना दिया।
भोपाल में तीन दिन पहले हुई विधायकों की बैठक में जब नाम फाइनल होने के बजाय हाईकमान पर फैसला छोड़ने का निर्णय हुआ, तभी लगने लगा था कि बाला बच्चन को शायद जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी। केंद्रीय पर्यवेक्षक बनकर आए अजय माकन रिपोर्ट लेकर दिल्ली चले गए तो दौड़ में शामिल मुकेश नायक, डा. गोविंद सिंह, महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, रामनिवास रावत आदि ने अपनी अपनी पकड़ के अनुसार कोशिश की, लेकिन सफलता अजय सिंह राहुल को मिली। वे एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष बना दिए गए। खबर आते ही भोपाल में राहुल सिंह के सरकारी बंगले पर उनकी गैर मौजूदगी में भी भारी भीड़ जमा हो गई और आतिशबाजी कर मिठाई बांटी गई। अब मिशन 2018 में सिर्फ ढाई साल ही बचा है, इसलिए राहुल सिंह के सामने बड़ी चुनौती होगी। अजय सिंह को भाजपा के साथ साथ अपनी ही पार्टी के नेताओं से मिलने वाली चुनौती का भी सामप ना करना पड़ेगा। भजपा इस मुद्दे पर आदिवासी को नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने का मामला उठाकर कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाएगी। इन सब चुनौतियों के बीच अजय सिंह कौ प्रदर्शन करना होगा।