शिवराज कैबिनेट के विस्तार में साफ दिखाई दिया सिंधिया खेमे का दबदबा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 2 जुलाई। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार आज हो गया। अभी तक सिर्फ पांच मंत्रियों वाली कैबिनेट में 28 नए मंत्री शामिल हो गए। प्रभारी राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल विस्तार शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन राजभवन के सांदीपनि सभागार में किया गया था। इस विस्तार में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले सिंधिया का दबदबा साफ दिखाई दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कैबिनेट का विस्तार करके सभी के मुंह तो बंद कर दिए लेकिन पहली बार मुख्यमंत्री पहले की तरह मजबूत नहीं दिखाई पड़े। कमल नाथ की कांग्रेस सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को वादे के अनुरूप भाजपा नेतृत्व ने अहमियत दी। यही वजह है कि शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थकों का दबदबा दिखाई दे रहा है। पहले विस्तार में सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के बाद दूसरे में कुल 12 बागियों को शपथ दिलाई गई है। हालांकि अभी विभागों के बंटवारे में संतुलन बनना बाकी है। गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्यमंत्रियों समेत कुल 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए दर्जन भर निवर्तमान विधायकों को शपथ लेने का मौका मिला।
कमल नाथ की सरकार में सिंधिया कोटे में तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसौदिया, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर और इमरती देवी को मंत्री पद मिला था। ये सभी मंत्री पद कुर्बान कर शिवराज सरकार बनाने में कारगर साबित हुए। दो चरणों के विस्तार में इन सभी को उनका ओहदा वापस लौटा दिया गया है। इनके अलावा इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों में कुल आठ मंत्री पद पाने में सफल हुए हैं। इनमें एंदल सिंह कंषाना और बिसाहू लाल सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समर्थक माना जाता रहा है जबकि हरदीप सिंह डंग तटस्थ रहे हैं।
सिंधिया के साथ कांग्रेस को टाटा-बाय कहने वाले अनुसूचित जाति के कई विधायक थे लेकिन इनमें जाटव उपजाति के कमलेश जाटव, जसवंत जाटव और रणवीर जाटव का नाम प्रमुख है। ग्वालियर-चंबल संभाग में जाटव समाज का वर्चस्व भी है। यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि इन तीन जाटवों में किसी को मौका मिलेगा लेकिन यह कयास सच नहीं हुआ। गोहद से रणवीर जाटव तो दूसरी बार चुनाव जीते थे। सिंधिया समर्थकों की दलील है कि उनके कोटे से तो अनुसूचित समाज से इमरती देवी और प्रभुराम चौधरी को मंत्री बनाया ही गया है। हालांकि ये दोनों अहिरवार उपजाति के हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा कहते हैं कि धीरे-धीरे सभी को अहसास हो जाएगा कि भाजपा छल करने वाली पार्टी है और जो लोग छल-कपट की राजनीति के साझीदार हुए हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में 20 केबिनेट एवं 8 राज्यमंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। केबिनेट मंत्री के रूप में गोपाल भार्गव, जगदीश देवड़ा, विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह, श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेन्द्र सिंह, एदल सिंह कंषाना, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, श्रीमती इमरती देवी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओमप्रकाश सकलेचा, सुश्री उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग और राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ने शपथ ली।
राज्यमंत्री के रूप में भारत सिंह कुशवाहा, इंदर सिंह परमार, रामखेलावन पटेल, राम किशोर कांवरे, बृजेन्द्र सिंह यादव, गिरिराज डंडौतिया, सुरेश धाकड़ और ओ.पी.एस. भदौरिया ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय मंत्री कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायत नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता थावरचंद गहलोत, केन्द्रीय राज्यमंत्री संस्कृति और पर्यटन प्रहलाद पटेल, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद प्रज्ञा ठाकुर सहित राज्य मंत्री मण्डल के सभी मंत्रीगण उपस्थित थे। शपथ विधि का संचालन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने किया।