दिग्गजों में तल्खी: कमलनाथ ने कहा सिंधिया को सड़क पर उतरना है तो उतर जाएं
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 15 फरवरी। मप्र कांग्रेस में दिग्गज नेताओं के बीच चल रही अंतर्कलह शायद किसी फैसले पर पहुंचने वाली है। पार्टी के ग्लैमरस लीडर और गुना के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की बार बार की धमकियों से पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ आजिज आ गए हैं। इसलिए अब उनका लहजा तल्ख हो गया। सिंधिया की ललकार पर कमलनाथ तैयार हैं। इसलिए उन्होंने कह दिया है कि अगर उन्हें सड़क पर उतरना है तो उतर जाएं। कमलनाथ की इस तल्खी के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
पूर्ववर्ती ग्वालियर रियासत के वर्तमान महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कभी इस स्थिति की कल्पना की होगी जिससे वे आज गुजर रहे हैं। अपने अजेयगढ़ गुना से अपने ही एक कारिंदे के हाथों चुनाव हारने के अकल्पनीय सच के बाद वे गांधी परिवार की नजदीकियों के बावजूद मुख्यमंत्री की दौड़ से हासिए पर कर दिए गए। अपनी सरकार होने और खुद के कोटे के कई मंत्री होने के बाद भी उनकी नहीं चल रही है। सियासत की हारती बाजियों का दर्द उनके चेहरे पर साफ दिखाई पड़ जाता है। सियासतदार होने के पहले महाराज होने के कारण वे अपने इस दर्द को खुलके आम झलका देते हैं। टीकमगढ़ में उन्होंने अतिथि शिक्षकों का मामला उठाते हुए सड़क पर उतरने की धमकी अपनी ही सरकार को दे दी। इसके बाद दिल्ली में हुई समन्वय बैठक में उनका सामना कमलनाथ से हुआ तो बात बनने के बजाए बिगड़ गई। सिंधिया मीटिंग खत्म होने से पहले ही बाहर आ गए। बाद में बाहर आए कमलनाथ ने पत्रकारों के सवालों का बहत तल्खी के साथ जबाव दिया। उन्होंने साफ कहा कि संगठन और सरकार दोनों वही हैं, फिर समन्वय किसमें होना है। सिंधिया के सड़क पर उतरने के सवाल पर उन्होंने तल्ख लहजे में कह दिया कि फिर उतर जाएं…।
हमेश सादगीपूर्ण लहजे में बात करने वाले कमलनाथ ने जिस तल्खी के साथ सिंधिया को सड़क पर उतरने की सलाह दी, उससे साफ लग रहा है समन्वय बैठक में भी कुछ तो हुआ है। इसके पहले भी सिंधिया किसानों की कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर चुके हैं। कमलनाथ तब भी कह चुके हैं कि वचन पत्र पांच साल के लिए है, पांच महीने के लिए नहीं। इसके बाद भी सिंधिया की सरकार के खिलाफ निगेटिव टिप्पणियां बंद नहीं हो रही हैं। इसलिए यह स्थिति बन गई है, हालांकि कांग्रेस के लोग नहीं मानते की कमलनाथ और सिंधिया के बीच कोई विवाद है।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओँ के बीच इस तरह की तल्खी ने विपक्ष में बैठी भाजपा को चुटकी लेने का मौका दे दिया। भाजपा इसे महाराज के अपमान बता रही है।
सिंधिया के तल्ख तेवर तो पहले से ही दिखाई पड़ रहे थे… लेकिन अब कमलनाथ की तल्खी भी दिखाई दे गई। ऐसे में सामंजस्य का दिखावा बहुत दिन तक चलने की उम्मीद नहीं है। इसी आपसी तनातनी के चलते कोई बड़ा फैसला हो सकता है कयोंकि सिंधिया की ललकार पर कमलनाथ तैयार जो हो गए हैं।