कांग्रेस ने ओबीसी और आदिवासी नेताओं को तीसरे चरण के प्रचार मैदान में उतारा

May 04, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 4 मई। कांग्रेस ने अपने क्षेत्रों की वोटिंग से निपट चुके ओबीसी और आदिवासी  नेताओँ को अन्य अंचलों में लगा दिया है। फिलहाल पार्टी का सारा ध्यान तीसरे चरण की  वोटिंग वाले इलाकों पर है। इस चरण में 7 मई को वोटिंग है और 5 मई की शाम को प्रचार थम जाएगा। इस चरण में ग्वालियर-चंबल और मध्य भारत की नौ सीटें शामिल हैं

इस लोकसभा चुनाव में तमाम मुश्किलों का सामना कर रही कांग्रेस का सारा जोर अब जातीय समीकरणों को साधने का है। इस कारण आखिरी दिनों में बड़े नेताओं ने अपने-अपने प्रभाव वाली सीटों पर डेरा डाल रखा है। इसके बाद वे मालवांचल जाएंगे जहां चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। यह नेता अधिक-अधिक से मतदान की भी अपील कर रहे हैं।ग्वालियर- चंबल अंचल खासकर भिंड में ओबीसी के बड़े नेता रहे रामनिवास रावत के भाजपा में जाने के बाद पार्टी ने सतना से दो बार के विधायक और ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा को इस अंचल में भेजा है। वह सतना लोकसभा सीट से प्रत्याशी थे। ओबीसी बहुल क्षेत्रों में जाकर कांग्रेस की न्याय गारंटी की बात कर रहे हैं तो भाजपा पर ओबीसी हितों का ध्यान नहीं रखने का आरोप लगा रहे हैं। इसी तरह से डिंडोरी से विधायक व मंडला से लोकसभा प्रत्याशी रहे ओमकार सिंह मरकाम को पार्टी ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्रचार के लिए लगाया है। वह हाल ही में राजगढ़ भी गए थे, जहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। शहडोल सीट से प्रत्याशी रहे विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को श्योपुर में प्रचार में जुटे हैं। यहां सहरिया आदिवासियों की संख्या अधिक है।पार्टी ने आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम को भी बैतूल से चुनाव लड़ाया है। यहां सात मई को मतदान है, इस कारण वह खुद अपने प्रचार में लगे हैँ। इसके बाद चौथे चरण की आठ सीटों खासतौर पर आदिवासी बहुल विधानसभा क्षेत्रों में उनके भी दौरे होंगे। हालांकि, प्रदेश दौरे पर आने वाले पार्टी के राष्ट्रीय नेता भी ओबीसी, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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