एमपी में कन्या पूजन पर सियासत गर्माई, शिवराज-कमलनाथ में जुबानी जंग
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 24 अक्टूबर। विधानसभा चुनाव की सरगर्मी वाले राज्य मध्यप्रदेश में इन दिनों नेता छोटी छोटी बातों को सियासी मुद्दा बना रहे हैं। इससे ऐसे मुद्दों पर बहस शुरू हो रही है जिसका विकास और कल्याण से कोई लेना देना नहीं है। इस कड़ी में नवरात्रि के मौके पर कन्या पूजन का मुद्दा भी सियासी मुद्दा बन गया है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में इस मुद्दे पर जुबानी जंग जारी है।
कन्या पूजन पर सियासी बहस की शुरुआत तब हुई जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर बार की तरह सीएम हाउस में कन्या पूजन किया। इस कार्यक्रम की तस्वीरें और खबर सीएम की टीम ने सोशल मीडिया पर वाइरल कीं तो कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने इसे शिवराज सिंह चौहान की नौटंकी करार दे दिया। इसके बाद सीएम के तेवर आक्रामक हो गए। सीएम शिवराज ने दिग्विजय सिंह को करारा जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि बेटियों की पूजा सनातन का संस्कार है। दिग्विजय सिंह उसे नाटक-नौटंकी कह रहे हैं, यह उनकी घटिया सोच है। सनातन और शिवराज का विरोध करते-करते दिग्विजय इतने निचले स्तर पर पहुंच गये कि उन्हें बेटियों के सम्मान से भी तकलीफ होने लगी है। सीएम ने सवाल किया कि पूरा देश भंडारा कर रहा है, बेटियों की पूजा कर रहा है- क्या यह नौटंकी है? मैंने भी बेटियों की पूजा की, मैं तो रोज बेटियों की पूजा करता हूँ। लेकिन दिग्विजय जी, आप बेटियों की पूजा को नाटक नौटंकी कहते हैं। आप जैसी घटिया सोच वाले बेटियों की पूजा और सम्मान सहन नहीं कर पाते। शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी खरी खोटी सुनाते हुए सवाल कर डाले। उन्होंने कहा कि बहन-बेटियों को टंचमाल और आइटम कहने वाले कभी बेटियों का सम्मान नहीं कर सकते।मल्लिकार्जुन खडगे जी और सोनिया जी जवाब दें क्या वे भारत में बेटियों की पूजा के खिलाफ हैं? कांग्रेस अपना स्टैंड साफ करे कि क्या वो बहन,बेटियों की पूजा के खिलाफ है?
दिग्विजय सिंह की टिप्पणी से शुरू हुए विवाद में जब शिवराज सिंह ने कांग्रेस के आलाकमान को घसीटा तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ आक्रामक हो गए। कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर पलटवार करते हुए कहा कि शिवराज जी, मैंने सपने में नहीं सोचा था कि आप कन्या पूजन जैसे पवित्र धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य पर भी वोटों की राजनीति करने लगेंगे। पीसीसी चीफ ने कहा कि अरे आपको कांग्रेस के कन्या पूजन की इतनी फिक्र है तो हमारे राष्ट्रीय नेताओं से पूछने की क्या आवश्यकता है? महानवमी के पावन दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में भी कन्या पूजन और भंडारा हुआ था, आप भी आकर प्रसाद ग्रहण कर सकते थे। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में भी कन्याओं का पूजन पूरे विधि विधान से किया गया। आप भी आकर देवी से आशीर्वाद ले सकते थे। लेकिन आप यह सब नहीं करेंगे क्योंकि आध्यात्मिकता, धर्म और परंपरा इन तीनों में आपकी आस्था नहीं है। आपकी आस्था सिर्फ वोटों की सौदेबाजी में है।
दोनों नेताओ के बीच सोशल मीडिया पर यह सियासी वार एक ऐसे विषय को लेकर हो रहा है जिससे न तो किसी का कल्याण होना है और न ही कोई विकास होना है। लेकिन दोनों नेताओँ के साथ उनकी पार्टियों को भी लग रहा है कि छोटे छोटे मुद्दों पर एक दूसरे की छीछालेदर करने से ही मततादाओं के मन तक पहुंचा जा सकता है। इसलिए पार्टियों ने अपने कई रणनीतिकारों को इसी काम पर लगा दिया है।