सम्मेद शिखर मामले में सियासी कारणों से सरकार बैकफुट पर

Jan 06, 2023

खरी खरी डेस्क

भोपाल, 6 जनवरी। जैन धर्म के लिए धार्मिक प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के मामले में सरकार बैकफुट पर आ गई। इसे लेकर जैन समाज ने ही नहीं बल्कि सभी समाजों ने खुशी जाहिर की है। सरकार ने फैसला वापस ले लिया लेकिन यह सवाल अभी भी पूछा जा रहा है कि आखिर ऐसा करने के पीछे कारण क्या है। सरकार आखिर में बैकफुट पर क्यों आए।

सरकार ने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित क्यों किया.. इसका सीधा जवाब है कि सरकार इको टूरिज्म के नाम पर राजस्व कमाना चाहती थी। सरकार फैसले पर बेहद विवाद और तनाव के बाद भी सरकार अडिग क्यों रही। सभी को लग रहा है कि केंद्र औऱ राज्य सरकारें इस फैसले के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने की कवायद में जुटी थीं। इसलिए इतने दिनों तक अड़ियल रवैया बना रहा। सरकार ने आखिरकार फैसला वापस क्यों लिया इसके पीछे सियासी कारण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश,तेलंगाना, मिजोरम में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसी कड़ी में अगले साल के मध्य में लोकसभा का चुनाव है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती की जैन समुदाय को नाराज किया जाए। देश में जैन समाज भले ही एक अल्पसंख्यक समाज हो लेकिन आर्थिक रूप से यह समुदाय काफी समृद्ध माना जाता है। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कई अहम पदों पर इस समुदाय के लोग प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में सरकार के लिए सियासी फायदा बैकफुट पर जाने में ही था। झारखंड में फिलहाल न तो चुनाव हैं और न ही वहां बीजेपी की सरकार है, इसलिए झारखंड सरकार का अड़ियल रवैया फिलहाल नुकसान नही करता लेकिन केंद्र को अडियल रवैया बड़ा झटका दे सकता था। इसलिए केंद्र को बैकफुट पर जाने का फैसला करना पड़ा।