हाईकोर्ट ने मांगी बीएसएफ जवानों के हालात की रिपोर्ट
नई दिल्ली। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल के एक जवान की पीड़ा सोशल मीडिया पर आने के बाद मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बीएसएफ के जवान की सोशल मीडिया पर आई शिकायत के आधार पर दायर एक जनहित याचिका पर सरकार और बीएसएफ से जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि हाल ही में सीमा सुरक्षा बल के सीमा पर तैनात एक जवान तेज बहादुर यादव ने ख़राब खाना मिलने की शिकायत सोशल मीडिया पर की थी। सुरक्षा बलों से इस तरह की शिकायतें कभी बाहर नहीं आती हैं। इसलिए सोशल मीडिया पर यह मामला आने से हंगामा मच गया। मामला गर्माने पर गृह मंत्रालय की ओर से जांच बैठाई गई थी। जांच रिपोर्ट को भी तक सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन केंद्र के आला अफसरों तथा बीएसएफ के अफसरों की ओर से इस बात के संकेत दिए जाने लगे कि जवानों का इस तरह का कदम अनुशासनहीनता माना जाएगा।
इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देकर सरकार को कोई कड़ा कदम उठाने से रोक लिया है। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस संगीता ढिंगरा सहगल की डिवीजन बेंच ने गृह मंत्रालय से जांच की मौजूदा स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी है। बेंच ने पैरामिलिट्री फोर्स, सेंट्रल इंडस्ट्रीयल सिक्योरिटी फोर्स, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, सशस्त्र सीमा बल और असम राइफल्स को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के एक पूर्व कर्मचारी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कार्रवाई की है।
कोर्ट ने इस मामले में 27 फ़रवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले नोटिस का जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में गृह मंत्रालय के जांच करने के फ़ैसले की बात पहले ही बताई जा चुकी है। अब इस मामले में मौजूदा जांच की स्थिति की रिपोर्ट पेश की जाए। कोर्ट ने मंत्रालय के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों से भी जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट के इस मामले में दखल देने से एक बात साफ हो गई है कि फिलहाल अपनी पीड़ा जाहिर करने वाले जवान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। कोर्ट अगली पेशी पर 27 फरवरी को सरकार का जवाब सुनने के बाद कोई दिशा निर्देश जारी कर सकता है।